मुख्य संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। होली के दिन कोरोना का खौफ साफ नजर आया। लोगों ने होली खेली, लेकिन पहले की तरह नहीं। बाजार और गलियों में पानी का इस्तेमाल कम हुआ और अबीर-गुलाल का अधिक प्रयोग दिखा। बड़े लोगों ने होली खेलने में कम दिलचस्पी दिखाई। बच्चे ही हुड़दंग मचाते नजर आए। आम पब्लिक के बाद पुलिसकर्मी होली की मस्ती नजर आए।
कई दिनों से होली का इंतजार हर कोई कर रहा था। होली आई और चली गई, लेकिन इस बार की होली सूखी चली गई। न तो किसी के चेहरे पर पहले जैसी रौनक दिखाई दी और न पहले जैसे हाथ। हंसी ठिठौली का दौर कुछ जगह अवश्य देखा गया। वह बचते बचाते। व्यापारियों को होली से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन पिचकारी, रंग और अबीर गुलाल का स्टाक बचा रह गया।
शराब के ठेका बंद होने से होली पर कई इलाकों में शराबियों के नजारे अलग -अलग दिखाई दिए। शराबियों ने इतनी अधिक शराब गटक ली थी कि वह अपना आपा खो बैठे। सड़क पर चलने का ढंग ही बदल गया था।
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