
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में हाईवे विस्तार के चलते एक ऐतिहासिक मजार को गिरा दिया गया। रुद्रपुर स्थित यह मजार, जिसे मासूम शाह मियां की मजार के रूप में जाना जाता था, लगभग 100 साल पुरानी थी और वक्फ बोर्ड में पंजीकृत थी। प्रशासन का कहना है कि यह मजार राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण कार्य में बाधा बन रही थी, जिसके चलते इसे हटाने की कार्रवाई की गई।
यह कार्रवाई मंगलवार तड़के सुबह करीब 4 बजे की गई, जब भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन ने मजार को गिरा दिया। इंदिरा चौक के पास स्थित इस मजार को हटाए जाने के दौरान किसी भी संभावित विरोध से निपटने के लिए मौके पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। फिलहाल किसी विरोध प्रदर्शन की सूचना नहीं है।
हालांकि, यह मामला विवादों में घिर गया है क्योंकि यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति के तहत आती थी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ संपत्तियों पर फिलहाल किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाई गई है। ऐसे में कानूनी जानकार इस कार्रवाई को अदालत की अवमानना मान रहे हैं।
रुद्रपुर के विधायक शिव अरोरा के इस मामले पर दिए गए बयान को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है, जिससे यह मुद्दा और अधिक संवेदनशील होता जा रहा है।
प्रशासन की ओर से अब तक यह स्पष्ट किया गया है कि मजार को हटाना राष्ट्रीय हित में जरूरी था, ताकि राजमार्ग परियोजना समय पर पूरी हो सके। लेकिन यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद इस कार्रवाई पर आगे क्या कानूनी और सामाजिक प्रतिक्रिया सामने आती है।
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