बेसमेंट, बिना लाइसेंस, बिना फायर एनओसी में भी सिर्फ नोटिस किए जारी, अवैध संचालित अस्पतालों व झोलाछापों पर दर्ज नहीं कराया गया मुकदमा, बिना लाइसेंस अस्पतालों में चलते मिले मेडिकल स्टोर, इनको भी नोटिस ही
आगरा। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में अब तक 150 से भी अधिक अस्पतालों में गड़बड़ी मिली है। इनमें से कई अस्पतालों में बेसमेंट, बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर, अग्निशमन समेत कई विभागों की बिना एनओसी के चलते अस्पताल मिले हैं। विभाग ने सभी को सिर्फ नोटिस दिया है। कोई बड़ी या ठोस कार्यवाही नहीं की है।
विभाग ने शुक्रवार तक 354 अस्पतालों का सर्वे पूरा किया था। इनमें से 30 अस्पतालों में बायोवेस्ट प्रबंधन नहीं था। जबकि 62 में बेसमेंट मिले। इन बेसमेंट में कहीं वार्ड बनाकर मरीज भर्ती थे। कहीं मेडिकल स्टोर, अल्ट्रासाउंड सेंटर या आईसीयू भी पाया गया। करीब 41 अस्पताल ऐसे भी थे जहां अग्निशमन विभाग की अनापत्ति छोड़िए, आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे। जबकि सरकार ने ऐसे अस्पतालों पर सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। आगरा में ही बीते दिनों एक अस्पताल में आग लगने से संचालक की मौत हो चुकी है। इसके बाद ही विभाग ने सर्वे करना शुरू किया है। अचरज की बात यह कि विभाग ने ऐसे सभी अस्पतालों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है। सभी को सिर्फ नोटिस दिए गए हैं। आधा दर्जन अस्पताल बंद भी कराए थे लेकिन उन पर पुनर्विचार हो रहा है। ऐसे में अस्पतालों की गड़बड़ी पर रोक लगाना आसान नहीं है।
झोलाछापों पर भी नहीं मुकदमा
अस्पताल और क्लीनिक छोड़िए, विभाग ने झोलाछापों के खिलाफ भी कुछ बड़ा नहीं किया है। आए दिन मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले भी पकड़े गए हैं। यह अक्सर छापेमारी के दौरान भाग जाते हैं। विभाग दुकानें बंद कराकर सील लगा देता है। झोलाछाप दूसरे स्थान पर दुकान खोल लेते हैं। ऐसे में छापेमारी व्यर्थ ही जाती है। विभाग मुकदमा दर्ज नहीं कराता।
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि बड़े अस्पतालों को पहले कमियां सुधारने की चेतावनी दे रहे हैं। इसका पालन नहीं करेंगे तो इन्हें बंद कराया जाएगा। जबकि झोलाछापों के लिए अलग से अभियान चलाने की तैयारी है। मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।
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