नई दिल्ली। पुणे के भीमा-कोरेगांव में 2 जनवरी को हुई हिंसा मामले में तीन लोगों के हिरासत में लिए जाने पर जिग्नेश मेवाणी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। पुणे पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से राणा जेकब, मुंबई और नागपुर से ऐडवोकेट सुरेंद्र गाडगिल और सुधीर धावले को अरेस्ट किया है।
इन तीनों पर विवादित पर्चे बांटने और हेट स्पीच देने का आरोप है। खासकर धावले को माओवादियों से संबंधों के आरोप में 2011 में भी गिरफ्तार किया गया था। तीनों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि भीमा-कोरेगांव में अंग्रेजों के हाथों पेशवा सेना की हार का जश्न मना रहे दलित समुदाय और दक्षिणपंथी समूहों के बीच विवाद होने से भारी हिंसा हुई थी जो पूरे राज्य में फैल गई थी।
पुणे पुलिस ने राणा जेकब नाम के शख्स को गिरफ्तार किया। जेकब को बुधवार को ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें 2 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके पास से आपराधिक सामग्री भी बरामद की गई है। उन्हें 8 जून को पुणे के लोकल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।
जेकब के अलावा मुंबई और नागपुर से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में एक ऐडवोकेट सुरेंद्र गाडगिल और सुधीर धावले हैं। जेकब ने खुद को फंसाए जाने का दावा किया है। वहीं इस मामले में जिग्नेश मेवाणी ने सरकार पर हमला बोलते हुए अंबेडकर मुवमेंट को कमजोर करने की कोशिश बताया है।
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