कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा का आज (8 सितंबर) से विधिवत आगाज हो गया। यह यात्रा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक होगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के कई नेताओं के साथ गुरुवार को कन्याकुमारी में तिरंगे को सलामी देकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत कराई। यह पैदल यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी। कांग्रेस इसे ऐतिहासिक यात्रा बता रही है। यह करीब 3570 किमी की दूरी तय करेगी। जानिए पूरी कहानी…
राहुल गांधी ने यहां अगस्तीस्वरम से 118 भारत यात्रियों के अलावा देश भर के अन्य पार्टी नेताओं के साथ पदयात्रा शुरू की। हालांकि भारत जोड़ो यात्रा का 7 सितंबर को लॉन्च किया गया था। लेकिन राहुल गांधी दूसरे दिन इससे जुड़े। रैली की वास्तविक शुरुआत 8 सितंबर को सुबह 7 बजे हुई, जब राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता भी मार्च से जुड़े। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल मौजूद रहे। कांग्रेस ने अपने twitter पर कुछ वीडियो और तस्वीरें शेयर की हैं। साथ ही कुछ स्लोगन भी लिखे। जैसे-ये बढ़े कदम, तिरंगे की छांव तले, अपनों की मोहब्बत वाले भाव तले। उठी है आवाज़, भारत को एकजुट बनाने की,अब बारी है फिर से इंकलाब लाने की।
पदयात्रा की शुरुआत से पहले राहुल गांधी ने भारत यात्रियों के कैम्प स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। ये भारत यात्री, कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,570 किलोमीटर की यात्रा में साथ चलेंगे। यह मार्च दो बैचों में सुबह 7 बजे से 10:30 बजे तक और दोपहर 3:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक चलेगा। जबकि सुबह के सत्र में कम भाग शामिल होंगे।
राहुल गांधी ने पार्टी की महत्वाकांक्षी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को इस दावे के साथ हरी झंडी दिखाई थी कि वह नफरत के लिए अपना देश नहीं खोएंगे। राहुल गांधी ने भाजपा-आरएसएस पर देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया था। बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले संकटग्रस्त कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के मद्देनजर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने इस मार्च को एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में बयान किया था। उन्होंने आशा व्यक्त की थी कि यह मार्च भव्य और पुरानी पार्टी को फिर से जीवंत करने में मदद करेगा। मार्च लगभग पांच महीनों में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगा।
प्रतिभागियों ने प्रतिदिन लगभग 22-23 किमी चलने की योजना बनाई है। भारत यात्रियों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं हैं। भारत यात्रियों की औसत आयु 38 वर्ष है। लगभग 50,000 नागरिकों ने भी यात्रा में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। 11 सितंबर को केरल पहुंचने के बाद यात्रा अगले 18 दिनों तक इसी राज्य के विभिन्न हिस्सों से गुजरेगी। 30 सितंबर को यह कर्नाटक पहुंचेगी। यह उत्तर की ओर बढ़ने से पहले 21 दिनों के लिए कर्नाटक में होगी।
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