केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। हादसे में पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई है। हेलीकॉप्टर में बैठे यात्री दक्षिण भारत के बताए जा रहे हैं।
वहीं अगले आदेश तक केदारनाथ में हेली सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। केदारनाथ में अभी भी मौसम खराब है। यहां बर्फबारी हो रही है।
हेलीकॉप्टर हादसे की जांच के आदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी घटना पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम कर रही रेस्क्यू
हेलीकॉप्टर में पायलट सहित सात लोग सवार थे। हेलीकॉप्टर दुर्घटना केदारनाथ से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर नंदी के पास हुई है। हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ बेस कैंप से नारायण कोटी-गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी।
हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का बताया जा रहा है। रेस्क्यू में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है।डीआइजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल बताया कि केदारनाथ से एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। लिंचोली से टीम पहुंच रही है।
खराब मौसम बना हादसे का कारण
इस घटना में राहत बचाव के लिए टीमें लग गई हैं। बताया जा रहा है कि केदारनाथ में घना कोहरा लगा हुआ है। इसी कारण हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने जताया दुख
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना पर दुख जताया है।
2019 में भी केदारनाथ में क्रैश हुआ था हेलीकॉप्टर
वर्ष 2019 में भी केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। केदारनाथ से यात्रियों को लेकर फाटा के लिए उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी और इस दौरान हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था।हेलीकॉप्टर के लैंडिंग करते समय पीछे का हिस्सा जमीन से टकराने के कारण यह दुर्घटना हुई थी। हेलीकॉप्टर के पायलट समेत छह यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।
2013 में आपदा राहत बचाव के दौरान तीन हेलीकॉप्टर हुए थे क्रैश
केदारनाथ में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की ये पहली घटना नहीं है। साल 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू करते हुए वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर समेत तीन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुुए थे। इन दुर्घटनाओं में 23 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।
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