अदालत से आया सात वर्ष बाद फैसला
रंगा-बिल्ला चारों भाईयों समेत पांच पर था हत्या का आरोप
वरिष्ठ संवाददाता
यूनिक समय/ मथुरा। शहर के बीच हुए बहुचर्चित तोले बाबा हत्याकांड में अपर जिला जज (प्रथम) की अदालत ने अपना फैसला आज सुना दिया। फैसले में चार भाइयों समेत पांच को आजीवन कारावास की सजा एवं दस—दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
विदित हो कि 28 फरवरी 2015 की सुबह वनखण्डी क्षेत्र में सरे राह तोले बाबा को करीब 10.45 बजे तब गोली मार दी गई थी जब वह अपने परिचित के साथ बाइक पर बैठकर मथुरा कोर्ट जा रहे थे। गोली लगने के बाद तोले बाबा एसएसपी निवास पहुंच गए। वहां उन्होंने अपनी शिकायत बताई। इसके बाद उन्हें तुरंत एसएसपी की सरकारी जिप्सी में जिला अस्पताल भेजा गया था। जहां चिकित्सकों ने उन्हें 11.15 बजे मृत घोषित कर दिया। मृतक के पुत्र ने राकेश उर्फ रंगा, मुकेश उर्फ बिल्ला, नीरज, कामेश उर्फ चीनी व प्रदीप उर्फ गुलगुला के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में सात वर्ष से चल रही थी। इसी हत्याकांड को लेकर शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश हरेन्द्र प्रसाद ने अपना निर्णय सुनाते हुए सभी पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सहायक शासकीय अधिवक्ता राजू सिंह ने बताया कि तोले बाबा हत्याकांड में अदालत ने राकेश उर्फ रंगा, मुकेश उर्फ बिल्ला, नीरज, कामेश उर्फ चीनी चारों भाई व प्रदीप उर्फ गुल्ला को आजीवन कारावास व 10—10 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
मथुरा। शहर के हृदय स्थल होलीगेट के पास कोयला गली में वर्ष 2017 में दिनदहाड़े चर्चित सर्राफा व्यवसायी मयंक चैन्स के यहां डकैती पड़ी थी। उसमें भी ये पांचों आरोपी है। अभी इस केस में निर्णय नहीं आया है। बता दें कि डकैती का विरोध करने पर बदमाशों ने मयंक चैन्स के मालिक मयंक अग्रवाल व एक अन्य को गोली मार दी थी। जिसमें मयंक अग्रवाल की मौत हो गई थी। उसके बाद बदमाश करोड़ों रुपए के जेवरात लूट कर हथियार लहराते हुए संकरी गलियों में होते हुए भाग गये थे। इस घटना में थाना कोतवाली में राकेश उर्फ रंगा, मुकेश उर्फ बिल्ला, नीरज, कामेश उर्फ चीनी एवं प्रदीप उर्फ गुलगुला के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
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