
गुरुवार को यूपी के विधायी इतिहास में एक और अध्याय शामिल हो जाएगा। यह विधायी सत्र इस मायने में अनूठा है कि यह सब महिला-नियंत्रित है। इसे यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक नया प्रयोग माना जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में, योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा और विधान परिषद की सभी महिला सदस्यों को एक पत्र भेजकर महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक नई पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को उनके काम पर नज़र रखने में मदद करने के लिए और अधिक फोल्डर उपलब्ध करा रही है। इस फ़ोल्डर में महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सभी सरकारी पहलों के बारे में जानकारी है।
आपको बता दें कि गुरुवार को दोनों ही सदनों में सिर्फ महिला सदस्य ही अपने मुद्दों को उठाएंगी। इस दौरान पीठासीन अधिकारी भी भूमिका में भी वही रहेंगी। सीएम योगी ने इस ऐतिहासिक अवसर से पहले 47 महिला विधायकों और 6 महिला विधान परिषद सदस्यों को पत्र लिखा है। यह पत्र काफी चर्चाओं में है। पत्र में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया गया है। इसी के साथ अब तक के मिशन शक्ति के प्रयासों और परिणामों का विवरण भी इसमें उपलब्ध करवाया गया है।
सीएम योगी के द्वारा लिखा गया कि मिशन शक्ति के तहत केंद्र और राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों के चलते दुनिया ने यूपी के बारे में अपनी राय बदली है। बीते साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश सरकार ने महिलाओं में सुरक्षा का भाव जगाया है। महिलाओं का सम्मान सुरक्षित करते हुए उन्हें स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य पर भी कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, सरकारी नौकरी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और स्वरोजगारपरक योजनाओं में उन्हें व्यापक स्तर पर जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं।
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