
वरिष्ठ संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया. सूबे के नगर निकायों के क्षेत्र का परिसीमन तेजी से चल रहा है और सीटों के आरक्षण पर मंथन चल रहा है। सीटों का आरक्षण पांच वर्ष पूर्व हुए चुनाव की नियमावली पर कराए जाएं या नई नियमावली पर इस पर मंत्री परिषद को निर्णय लेना है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि दीपावली से पहले इस पर निर्णय हो जाएगा। चुनाव लड़ने के इच्छुक इस संबंध में बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
नगर पंचायतों में कम से कम 10 और अधिकतम 24 वार्ड करने और नगर पालिका परिषदों में कम से कम 25 और अधिकतम 56 वार्ड निर्धारित करने समेत वार्डों के गठन में आबादी की संख्या निर्धारित करने को लेकर भी विचार चल रहा है। जबकि नगर निगमों में न्यूनतम 60 और अधिकतम 110 वार्ड को आधार माना जा सकता है।
वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर आबादी के मुताबिक वार्डों के गठन और जातिवार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का फार्मूला तैयार किया गया था। लेकिन इस बार स्थिति में काफी बदलाव है। अधिकारी नए नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार के बाद की स्थिति को देखते हुए वार्डों के परिसीमन और आरक्षण के नये फार्मूले पर विचार कर रहे हैं। मथुरा जनपद में नगर निगम, गोवर्धन, राधाकुंड और बरसाना नगर पंचायत का सीमा विस्तार हुआ है। इनमें वार्डों का गठन करके वोटर लिस्ट का तैयार की जाएगी। इसकी अभी अधिसूचना शासन से आई नहीं है। ऐसा ही हाल प्रदेश के कई जिलों का है।
बतादें कि 2017 में 16 नगर निगमों, 198 पालिका परिषद और 438 नगर पंचायतों में चुनाव हुआ था। इस बार 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 517 नगर पंचायतों में चुनाव होना है। इसलिए सबसे पहले इनमें वार्डों का गठन किया जाना है। वार्ड गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वार्डों का आरक्षण किया जाएगा और इसके बाद मेयर और अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण होगा। सूत्रों की माने तो विभागीय मंत्री के साथ जल्द ही अधिकारियों की बैठक इसका फार्मूला तय करने के बाद प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
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