हिसार। कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 40 दिन की पैरोल मंजूर कर ली है। राम रहीम हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद है। राम रहीम को इसी साल पंजाब चुनाव से ठीक पहले 7 फरवरी को 21 दिन की पैरोल मिली थी। इसके बाद 27 जून को राम रहीम को फिर 30 दिन की पैरोल मिली थी और वह यूपी के बागपत आश्रम में रुका था। अब हरियाणा में आदमपुर विधानसभा उपचुनाव और पंचायत चुनाव से पहले राम रहीम की 40 दिन की पैरोल मंजूर हो गई है। पैरोल के दौरान वह बागपत आश्रम में रहेगा। इसके अलावा राजस्थान के आश्रम का भी विकल्प खुला है। राम रहीम सिरसा आश्रम आना चाहता था लेकिन सरकार ने इसके लिए मंजूरी नहीं दी।
गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सुनारिया जेल में 2017 से साध्वी से यौन शोषण मामले में सजा काट रहा है। उसे पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्याकांड में भी उसे सजा हो चुकी है। डेरा प्रमुख राम रहीम का हरियाणा पंचायत चुनाव व उपचुनाव के ठीक पहले बाहर आने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि गुरमीत राम रहीम का हरियाणा की कई सीटों पर खासा प्रभाव है, ऐसे में चुनाव के ठीक पहले बाहर आने को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।
राम रहीम की अपने परिवार से तल्खियाँ काफी बढ़ गई हैं, यही कारण है कि बागपत आश्रम में रहने के दौरान राम रहीम ने अपनी जो फैमिल ID बनवाई उसमें उसने अपनी पत्नी हरजीत कौर और मां नसीब कौर का नाम दर्ज नहीं करवाया। जबकि राम रहीम ने हनीप्रीत को अपनी फैमिली ID में जोड़ा है। हनीप्रीत को मुख्य शिष्या और धर्म की बेटी बताया गया है। राम रहीम ने बागपत आश्रम में रहने के दौरान अपना आधार कार्ड भी अपडेट कराया था। जिसमें पिता के नाम के आगे शिष्य एवं गद्दीनशीन शाह सतनाम जी महाराज अंकित करवाया, जबकि पहले पिता मग्गर सिंह का नाम अंकित था।
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