इंद्रदेवेश्वरानंद ने पैरों पर बनवाया स्वास्तिक, भागवताचार्य के खिलाफ उठने लगीं आवाज

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माता सीता और द्रौपदी पर टिप्पणी करने वाले कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ अभी गुस्सा शांत नहीं हुआ था कि एक अन्य कथा वाचक विवादों में आ गए हैं। कथावाचक इंद्रदेवेश्वरानंद ने अपने पैरों पर स्वास्तिक बनवा लिया है। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

गद्दी पर बैठे कथावाचक के पैरों पर स्वास्तिक

कथावाचक इंद्रदेवेश्वरानंद का सोशल मीडिया पर सुबह से एक फोटो वायरल हो रहा है। इसमें वह कथावाचक गद्दी पर बैठे हैं और उनके पैरों पर स्वास्तिक का चिन्ह बना है। इसे देखकर सामाजिक व धार्मिक संगठनों में आक्रोश है। उत्तर प्रदेश युवा ब्राह्मण महासभा के संस्थापक राजेश पाठक ने कहा, हर मांगलिक कार्य के शुभारंभ पर हिंदू संस्कृति में स्वास्तिक चिह्न बनाए जाने की प्राचीन परंपरा रही है।

लेकिन भागवताचार्य द्वारा अपने पैरों पर स्वास्तिक चिह्न बनाना भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा का अपमान है, इसे सहन नहीं किया जाएगा। महासभा के बृज क्षेत्र अध्यक्ष श्याम शर्मा ने कहा, स्वास्तिक चिह्न सदियों से भारतीय संस्कृति और सभ्यता में पूज्यनीय रहा है।

इंद्रदेवेश्वानंद ने दी सफाई

उधर, इंद्रदेवेश्वरानंद का कहना है कि किसी श्रद्धालु ने श्रद्धावश पैरों पर स्वास्तिक का चिन्ह बना दिया था। श्रद्धालुओं से इसके लिए मना कर दिया है। अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो क्षमा प्रार्थी हूं।

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