सोए व्यक्ति को क्यों नहीं लांघना चाहिए? महाभारत की कथा से है इसका संबंध

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आपने बचनपन से ही सुना होगा कि किसी सोए हुए व्‍यक्ति को नहीं लांघना चाहिए, लेकिन इसकी वजह क्‍या है? इस मान्‍यता का संबंध महाभारत की कथा से है, जान लीजिए इस कहानी के बारे में.

सनातन धर्म में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. हम भूल-चूक में ऐसे कई काम कर देते हैं, जिन्‍हें धर्म में अशुभ माना जाता है. हमें कई तरह के नियम बचपन से ही सिखाए जाते हैं. उसमें से ही एक नियम आप शायद न जानते होंगे. अगर कोई व्‍यक्ति सोया या लेटा रहे तो उसे लांघना नहीं चाहिए. ऐसी मान्‍यता है कि सो रहे व्यक्ति को लांघना अशुभ माना जाता है, तो चलिए जान लीजिए सो रहे व्यक्ति को क्यों नहीं लांघना चाहिए. महाभारत में इस तरह का एक प्रसंग बताया गया है, जिसे आपको जान लेना चाहिए.

महाभारत में क्‍या बताया गया है?

महाभारत की कहानी के मुताबिक, भीम एक बार युद्ध के लिए जा रहे थे, उस समय हनुमान जी भीम का रास्ता रोकने के लिए वृद्ध वानर बन गए और मार्ग पर लेट गए. इसी वजह से उनकी पूंछ ने पूरे मार्ग को बाधित कर दिया. जब भीम उस मार्ग से गुजरे तो उन्होंने पूंछ को लांघा नहीं.

भीम ने बताई वजह

भीम ने हनुमान जी से पूंछ हटाने के लिए कहा, लेकिन हनुमान जी ने दुर्बलतावश पूंछ हटाने से मना कर दिया और कहा कि पूंछ लांघकर चले जाए, लेकिन भीम ने ऐसा नहीं किया, फिर भीम ने कहा कि इस संसार के सभी प्राणियों में ईश्वर का अंश विद्यमान होता है, ऐसे में किसी प्राणी को लांघना यानी परमात्मा का अनादर करना है.

इस वजह से भीम ने हनुमान जी की पूंछ को नहीं लांघा और उन्‍होंने स्वयं ही पूंछ हटा दी, लेकिन उस समय कुछ ऐसा हुआ कि भीम अपनी पूर शक्ति लगाने के बाद भी हनुमान जी की पूंछ को हिला नहीं पाए फिर उन्हें समझ आ गया कि ये कोई साधारण वानर नहीं है फिर हनुमान जी ने भीम को अपना परिचय दे दिया और विशाल रूप दिखाया, फिर हनुमानजी ने युद्ध में विजय पाने का आर्शीवाद भीम को दिया.

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