निकाय चुनाव से पहले रालोद के जयंत चौधरी को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने छीना राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान 8 सीटें जीतने वाली राष्ट्रीय लोकदल को बड़ा झटका लगा है। भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा राष्ट्रीय लोकदल से यूपी में राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा छीन लिया गया है। आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले दल को कुल वोटों का न्यूनतम छह फीसदी मत हासिल होने पर ही राज्य स्तर के दल की मान्यता दी जा सकती है। हालांकि वर्ष 2022 के चुनाव में रालोद ने महज 2.85 फीसदी वोट ही हासिल किए थे।

गौरतलब है कि इसे जयंत चौधरी के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। वह राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गिरीश चौधरी हैं। पार्टी की स्थापना पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह के द्वारा की गई थी। राष्ट्रीय लोकदल से यूपी में राज्य स्तर की पार्टी की दर्जा छीनने के बाद समर्थकों में मायूसी है। चुनाव आयोग के इस फैसले से कार्यकर्ता काफी ज्यादा परेशान हैं।

आपको बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को राष्ट्रीय लोकदल ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था। रालोद ने सपा के साथ गठबंधन करते हुए 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी को 8 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। निकाय चुनाव को लेकर भी रालोद नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा जमकर तैयारी की जा रही थी। जिसके बाद अब चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं में मायूसी है। एक ओर जहां निकाय चुनाव की रणनीति को लेकर बैठकों का दौर जारी था, वहीं दूसरी ओर इस फैसले के बाद कई बूथ स्तर के नेता और कार्यकर्ता अन्य दलों में जगह भी तलाशने लगे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में इसको लेकर दल-बदल भी जमकर देखने को मिलेगा।

आपको बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान जब रालोद ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था उस दौरान कार्यकर्ताओं और नेताओं में जमकर उत्साह देखने को मिला था। चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद भी दोनों दलों ने इस गठबंधन को आगे जारी रखने की बात कही थी। वह जमीनी स्तर पर भी देखने को मिला। हालांकि अब रालोद से राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा छीनने के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी के नेता आगे की रणनीति तैयार करेंगे।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*