सचिन तेंदुलकर का 50वां जन्मदिन आज, जानें उनसे जुड़े 10 सुने-अनसुने किस्से

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क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस साल का जन्मदिन उनके लिए बेहद खास है कि क्योंकि अभी कुछ दिन पहले ही जूनियर तेंदुलकर यानी अर्जुन ने दुनिया की सबसे बड़ी लीग में 3 साल के लंबे इंतजार के बाद डेब्यू किया। किसी पिता के लिए इससे बड़े गौरव के क्षण और भी कुछ भी नहीं हो सकते जब उनका लाल उनके पदचिह्नों पर चलते हुए उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ा चुका है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहे सचिन को 10 साल हो गए हैं, लेकिन अब भी फैंस के बीच उनको लेकर दीवानगी कम नहीं हुई है। ऐसे में उनके जन्मदिन के मौके पर आइए सचिन के बारे में कुछ ऐसे सुने-अनसुने किस्सों के बारे में जानते हैं, जिससे सचिन को द ग्रेट सचिन तेंदुलकर बनाया।

सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ 15 नवंबर 1989 को अपना टेस्ट डेब्यू किया था और इस टेस्ट मैच में वह खुद की पैड पहनकर नहीं उतरे थे। दरअसल इस मैच में उन्होंने जो पैड पहनी थी, वो और किसी ने नहीं बल्कि द ग्रेट सुनील गावस्कर ने उन्हें गिफ्ट की थी।

सचिन तेंदुलकर के पास 13 सिक्के हैं। ये सिक्के उन्होंने जमा नहीं किए बल्कि उन्हें ईनाम के तौर पर मिली थी। दरअसल उनके कोच रमाकांत आचरेकर प्रैक्टिस में विकेट के ऊपर एक सिक्का रखते थे और जो गेंदबाज उन्हें आउट करता था वह सिक्का उस गेंदबाज को दे दिया जाता था। आउट न होने की स्थिति में यह सिक्का सचिन का हो जाता और ऐसे सचिन ने 13 सिक्के अपने रमाकांत सर से जीते थे।

सचिन तेंदुलकर के लिए ओल्ड ट्रेफर्ड का मैदान बेहद खास है। उन्होंने अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक इसी मैदान पर जड़ा था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ यहां नाबाद 119 रन की पारी खेली थी और टेस्ट बचाया था।

सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को अगर कोई तोड़ सकता है तो वह विराट कोहली हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विराट कोहली ने सचिन के रिटायरमेंट पर उन्हें अपनी वो चेन गिफ्ट कर दी थी जो उनके पापा की यादों से जुड़ी थी। उन्होंने वानखेड़े के ड्रेसिंग रुम में यह चेन देकर कहा था, तुझमें रब दिखता है।

सचिन जब अपने डेब्यू टेस्ट में आउट होकर लौटे तो उन्हें पहली और आखिरी बार खुद पर शक हुआ कि क्या वह इस लेवल की गेंदबाजी खेलने के लायक हैं या नहीं, लेकिन फिर बाद में सीनियर्स के कहने पर उन्होंने खुद के भीतर विश्सास बढ़ाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सचिन तेंदुलकर के वनडे करियर की बात करें तो वह 9 कप्तानों के लीडरशिप में खेले हैं। ये कप्तान हैं केएल श्रीकांत, रवि शास्त्री, अजय जडेजा, मोहम्मद अजहरुद्दीन, अनिल कुंबले, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, एमएस धोनी और वीरेंद्र सहवाग।

सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की जोड़ी भारतीय क्रिकेट की सबसे सफल जोड़ी में से एक मानी जाती है। इन दोनों के बीच बेहतरीन कैमेस्ट्री भी थी। सचिन, सौरव गांगुली को बाबू मोसाय कहकर बुलाते हैं जबकि गांगुली उन्हें छोटा बाबू कहते हैं।

सचिन के पिता संगीतकार सचिन देव वर्मन के बहुत बड़े फैन थे। उन्हीं के नाम पर उन्होंने अपने बेटे का नाम सचिन रखा।

सचिन तेंदुलकर बचपन में काफी नटखट थे और ऐसा कहा जाता है कि उन्हें सजा के तौर पर पहली बार क्रिकेट एकेडेमी भेजा गया उसके बाद तो बाकी इतिहास है।

सचिन तेंदुलकर भारत रत्न पाने वाले सबसे युवा और एकमात्र क्रिकेटर हैं। इसके अलावा उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड और पद्म श्री का सम्मान भी मिल चुका है।

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