यूनिक समय, मथुरा: यमुना नदी में जलस्तर फिर खतरे के निशान को पार कर गया है। पानी में हर घंटे एक सेमी की बढ़ोतरी हो रही है। वृंदावन परिक्रमा मार्ग में तीन फीट तक पानी भरने से एक बार फिर नाव चलने लगी है।
शेरगढ़ -नौहझील मार्ग पर तीन फीट पानी होने से आवागमन बंद कर दिया गया है। बाढ़ के हालात में 100 से अधिक गांवों और कालोनियों की बिजली काट दी गई है। बुधवार को वृंदावन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेलीकाप्टर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में हालात देखे।
बीते सात दिन से यमुना के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही थी। पानी खतरे के निशान से नीचे चला गया था। मगर, हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार से स्थिति फिर बिगड़ने लगी।
बुधवार को जलस्तर में तेजी से बढ़ा। मथुरा की जयसिंहपुरा खादर, गणेशधाम कालोनी में पानी घुस गया। एक सप्ताह पहले इन इलाकों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया था। तेजी से बढ़ रहे पानी के कारण लोग अपना सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
जमुनापार डैंगरा और ईशापुर गांव में भी पानी बढ़ गया है। वृंदावन में कालीदह घाट से लेकर चीरघाट, केशीघाट, जगन्नाथ घाट, पानीघाट पर करीब तीन से चार फीट पानी परिक्रमा मार्ग में पहुंच चुका है। यहां नाव और मोटर वोट चल रही है। शेरगढ़ मार्ग पर पानी भरने से बैरीकेडिंग लगाकर आवागमन बंद कर दिया गया है।
शेरगढ़ क्षेत्र के बाबूगढ़ गांव के चारों ओर पानी भर गया है। गांव के अंदर तीन फीट से अधिक पानी भरा है। खादर में बसे इस गांव में 170 परिवार रहते हैं। गांव में 15 दिन से बिजली गुल है। इसके साथ ही छिनपारई, बेहटा गांव में भी तीन फीट तक पानी भर गया है। यहां भी आवागमन पूरी तरह से बंद है।
कई गांवों में ट्रांसफारमर पानी में डूब गए हैं। बाढ़ के हालात को देखते हुए 100 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं।
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