हिमाचल प्रदेश । हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आई बारिश ने वर्ष 2013 में हुई केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा करवा दी हैं। दोनों ही घटनाओं में जहां भयावह तबाही दिखाई दी वहीं दूसरी ओर असामान्य रूप से एक जबरदस्त चमत्कार भी घटित होता दिखा। शिमला के समरहिल स्थित शिव मंदिर में इस बारिश की वजह से जबरदस्त नुकसान हुआ। यहां पर लैंडस्लाइड में 20 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि आश्चर्यजनक रूप से मंदिर में स्थित प्रतिमाओं को नाम मात्र का भी नुकसान नहीं पहुंचा।
शिमला का यह शिव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। बहुत से लोग हमेशा की तरह ही 14 अगस्त को भी मंदिर में भगवान के दर्शन करने पहुंचे थे। इसी दौरान सुबह लगभग साढ़े 7 बजे लैंडस्लाइड हुई और उसमें 20 लोगों की मृत्यु हो गई। वहां मौजूद पुजारी का शव भी मंदिर में मौजूद शिव बावड़ी पर मिला। यहां हुई तबाही ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
मामले की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंच कर राहत कार्य शुरु कर दिया। लगभग 11 दिनों तक चले सर्च ऑपरेशन और बचाव कार्य के बाद कई लोगों को बचा लिया गया था। इस सर्च ऑपरेशन के दौरान भी कई शवों को निकाला गया था।
जब समरहिल में लैंडस्लाइड हुआ तब आश्चर्यजनक रूप से मंदिर को खास नुकसान नहीं पहुंचा। मंदिर के गुंबद को बहुत मामूली सा नुकसान हुआ है। परन्तु मंदिर में स्थापित भगवान शिव, मां पार्वती तथा गणपति की प्रतिमा बिल्कुल सुरक्षित बच गईं। यही नहीं, वहां रखी पूजा की थाली और अन्य देवताओं की प्रतिमाओं पर भी इस प्राकृतिक आपदा का कोई असर नहीं हुआ।
यह हादसा काफी कुछ वर्ष 2013 में हुई केदारनाथ त्रासदी जैसा ही था। उस समय भी केदारनाथ में लैंडस्लाइड और बाढ़ की वजह से काफी नुकसान हुआ था। सैंकड़ों भक्तों की मृत्यु हो गई थी परन्तु पहाड़ों से एक बड़ी शिला आकर मंदिर के पीछे रुक गई थी। इसकी वजह से मंदिर को नाम मात्र का भी नुकसान नहीं पहुंचा। वहां मौजूद शिव परिवार तथा नंदी की प्रतिमाएं तक पूर्णतया सुरक्षित थीं। ठीक यही चमत्कार शिमला के इस मंदिर में भी हुआ और यहां भी भगवान की प्रतिमा सकुशल रहीं।
Leave a Reply