वित्त मंत्रालय ने खाेला पिटारा….बिहार को 14 हजार करोड़ तो यूपी को 25 हजार करोड़

एनडीए सरकार के गठन के बाद मंत्रालय एक्टिव मोड में आ गए हैं। वित्त मंत्रालय ने राज्यों को दी जाने वाली रकम का पिटारा खाेल दिया है। वित्त मंत्रालय ने राज्यों को करीब 1.40 लाख करोड़ रुपये की टैक्स डिवोल्यूशन इंस्टॉलमेंट जारी की है। इसमें यूपी को सबसे ज्यादा रकम दी गई है। एनडीए सरकार को गठन हुए अभी दो ही दिन बीते हैं कि मंत्रालय एक्टिव मोड में आ गए हैं। अब वित्त मंत्रालय ने राज्यों के लिए खजाने का पिटारा खोल दिया है। वित्त मंत्रालय ने राज्यों को करीब 1.40 लाख करोड़ रुपये की टैक्स डिवोल्यूशन इंस्टॉलमेंट जारी की है।

इसमें आंध्र प्रदेश और बिहार का खास ख्याल रखा गया है। बता दें कि आंध्र प्रदेश से TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने और बिहार से JDU प्रमुख नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी का समर्थन केंद्र में NDA को दिया है। इनके सहयोग से ही बीजेपी केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही है। वहीं कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्यों को यह रकम देना केंद्र का संवैधानिक अधिकार है लेकिन केंद्र सरकार इसे मोदी के काम की तरह प्रचारित कर रही है। उन्होंने इसे तीसरे दर्ज का पीआर बताया। आंध्र प्रदेश और बिहार पर विशेष नजर वित्त मंत्रालय ने अपने पिटारे से आंध्र प्रदेश और बिहार पर विशेष ध्यान पर रखा है।

आंध्र प्रदेश को 5655.72 करोड़ रुपये तो बिहार को 14,056.12 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं सबसे ज्यादा रकम उत्तर प्रदेश को दी गई है। वित्त मंत्रालय ने यूपी को 25,069.88 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा हिंसा से गुजर रहे मणिपुर को भी 1000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जो रकम जारी की गई है, उसे राज्य के विकास में खर्च किया जाएगा। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था। उस बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्यों को करीब 12.20 लाख करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया था। इस रकम में से 10 जून तक राज्यों को करीब 2.80 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।

केंद्र सरकार लोगों से विभिन्न चीजों पर टैक्स लेती है। इस टैक्स को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच में बांटा जाता है। टैक्स से मिली इस रकम का इस्तेमाल विकास और दूसरो कामों में होता। राज्यों से टैक्स की रकम लेने के बाद केंद्र सरकार इन्हें किस्तों में राज्य सरकारों को देती है। यह काम वित्त मंत्रालय करता है। टैक्स डिवोल्यूशन के बारे में संविधान में आर्टिकल 280(3)(a) में जिक्र किया गया है। इसमें वित्त आयोग तय करता है कि राज्यों को टैक्स का कितना हिस्सा दिया जाएगा। साल 2021 से 2026 तक यह 41 फीसदी है। हालांकि 2020-21 के लिए 42 फीसदी था।

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