नीट पेपर लीक मामले के तार झारखंड से जुड़ गए हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने देवघर से 5 शातिरों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि हजारीबाग के एक सेंटर से भी नीट का पेपर लीक किया गया था। नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने झारखंड में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। देवघर से 5 शातिरों को दबोचा गया है। नीट पेपर लीक मामले को लेकर लगातार बवाल देखने को मिल रहा है। कांग्रेस मामला सामने आने के बाद से ही बीजेपी पर हमलावर है।
पांचों आरोपियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हो सकता है। माना जा रहा है कि इन लोगों का पेपर लीक मामले में बड़ा हाथ है। वहीं, सूत्रों से पता लगा है कि हजारीबाग के एक सेंटर से भी पेपर लीक किया गया था। पटना में एक जली हुई प्रश्न पत्र की बुकलेट से सुराग मिले हैं। आरोपियों से पूछताछ के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं। नीट पेपर लीक मामले में जो आरोपी सिकंदर यादवेंद्र दबोचा गया था, उससे भी चौंकाने वाली बातें पता लगी हैं। आरोपी ने कबूल किया है कि उसने पेपर खरीद के लिए 32 लाख रुपये आरोपी नीतीश कुमार और अमित आनंद को दिए थे।
You can take out Jharkhand from Bihar,
But Bihar can never be taken out of Jharkhand
Deoghar, Jharkhand – 5 Arrested in NEET paper Leak Case.#NEET_Scam
— AmreekS (Modi Ka Parivar) (@amreekspeaks) June 22, 2024
इसके बाद उसने आगे पेपर 40 लाख रुपये में बेचा था। उसने दानापुर पटना के आयुष कुमार, समस्तीपुर के अनुराग यादव, रांची के अभिषेक कुमार और गया के शिवनंदन कुमार को पेपर बेचा था। आरोपी ने यह भी कबूल किया है कि नीट परीक्षा से एक रात पहले पटना के रामकृष्णा नगर में 4 मई को इन सभी अभ्यर्थियों को रातभर पेपर रटवाया गया था। पुलिस को अभी आरोपी संजीव मुखिया उर्फ लूटन की तलाश है। आरोपी का बेटा शिव कुमार पहले ही जेल में बंद है।
उसके ऊपर बीपीएससी का पेपर लीक करने का आरोप है। नीट पेपर लीक मामले में अब तक बिहार से ही 13 लोगों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। पुलिस को यकीन है कि संजीव का हाथ नीट पेपर लीक मामले में है। क्योंकि मामला सामने आने के बाद से ही आरोपी फरार है। इससे पहले भी वह पेपर लीक मामलों में जेल जा चुका है। 20 साल में उसके ऊपर कई प्रतियोगी परीक्षाओं को लीक करने का आरोप लग चुका है।
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