जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे और दिल्ली में फर्क है। दिल्ली कभी रियासत रही नहीं या दिल्ली को रियासत बनाने का वादा किसी ने किया नहीं। हम एक रियासत थे। हमें रियासत का दर्जा देने का वादा किया गया था। जम्मू-कश्मीर में नेशनश कांफ्रेंस (जेकेएनसी) और कांग्रेस गठबंधन को जनादेश मिला है। जेकेएनसी जेकेएनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनेंगे। मीडिया से बातचीत करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली और हमारे बीच एक अंतर है। दिल्ली कभी पूर्ण राज्य नहीं थी और किसी ने इसे राज्य बनाने का कभी वादा नहीं किया था। 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर एक राज्य था और राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा हमसे किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के कई सीनियर नेताओं ने इसका वादा किया है और बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तीन कदम उठाए जाएंगे – परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा। परिसीमन और चुनाव हो गए हैं, अब राज्य का दर्जा बाकी है। यहां सरकार बनने के बाद मुझे उम्मीद है कि कैबिनेट का पहला फैसला राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित करना होगा और प्रस्ताव पीएम मोदी को भेजा जाएगा। बडगाम और गंदेरबल में से कौन सी सीट छोड़ेंगे, इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं दोनों सीटें नहीं रख सकता। मुझे एक सीट छोड़नी होगी। मैं अपने सहयोगियों से चर्चा करूंगा और जो निर्णय होगा, उसके बारे में आपको बताऊंगा। अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ महीने पहले जब बारामुल्ला के नतीजे आ रहे थे (लोकसभा चुनाव में), तो मैं शुरुआत में आगे चल रहा था,
लेकिन आधे घंटे में यह बदल गया और अंतर बढ़ता गया। मैंने हमेशा कहा है कि एग्जिट पोल समय की बर्बादी है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 5 मनोनीत विधायकों पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं उन्हें सुझाव दूंगा कि वे ऐसा न करें। इन 5 को मनोनीत करने से सरकार नहीं बदलेगी, तो इसका क्या फायदा? आप अनावश्यक रूप से विपक्ष में बैठने के लिए 5 लोगों को मनोनीत करेंगे। लड़ाई होगी क्योंकि हमें फिर सुप्रीम कोर्ट जाना होगा और इसके खिलाफ अपील करनी होगी। सरकार बनने दें, उन्हें सुझाव देने दें और उसके आधार पर एलजी को मनोनीत करना चाहिए। ये 5 विधायक कोई बदलाव नहीं लाएंगे। निर्दलीय उम्मीदवार हमसे बात कर रहे हैं, वे हमारे साथ जुड़ेंगे ताकि हमारी बढ़त बढ़ जाए।
जेकेएनसी-कांग्रेस गठबंधन की चुनावी जीत के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने अपने वोट का इस्तेमाल किया। पिछले 8-10 वर्षों से यहां लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया गया था। जेकेएनसी-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला। मतदाताओं ने सोच-समझकर मतदान किया, खासकर उन इलाकों में जहां निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटी पार्टियों के जरिए वोटों को बांटने की साजिशें रची जा रही थीं। हमारी जिम्मेदारी अब शुरू होती है, मतदाताओं ने अपना कर्तव्य निभाया है। अब हमारा कर्तव्य है कि हम काम करें और मतदाताओं की उम्मीदों पर खड़ा उतरें।
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