विधानसभा चुनाव की तारीख के सामने आते ही महाराष्ट्र की महायुति सरकार बुरी फंस गई है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एक जांच शुरू करने जा रहा है। यह जांच आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर की जानी है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर चुनाव आयोग की जांच के घेरे में है। 15 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, 15 अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी वेबसाइट पर करीब 200 सरकारी प्रस्ताव, नियुक्तियां और निविदाएं जारी कीं। जबकि चुनाव आयोग की पीसी के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से राज्य सरकार को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी निर्णय, आदेश और निविदा को प्रकाशित न करने का आदेश दिया गया था, लेकिन सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आई और उसने वही किया जो उसे नहीं करना चाहिए था।
बता दें कि राज्य सरकार ने आयोग के आदेश की अनदेखी की और मंगलवार रात और बुधवार सुबह के बाद कई निर्णय प्रकाशित किए। जब चुनाव आयोग ने इस पर चिंता जताई, तो सरकार ने जल्दबाजी में अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए कई निर्णय हटा दिए। अब इस मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चोकालिंगम ने कहा कि हम अपलोड किए गए सरकारी प्रस्तावों के समय की जांच करेंगे और जांच करेंगे कि क्या इससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है या नहीं?
जानकारी दे दें कि इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक ही चरण में होंगे। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन में चुनाव कराने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ रिजल्ट आएंगे।
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