कोटा। सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक 31 वर्षीय एक युवक ने सिपाही की भर्ती परीक्षा में शामिल होने के वास्ते उम्र कम दिखाने के लिए कई वर्षों तक जालसाजी और धोखाधड़ी की। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने अपना जाली जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनवाया और 2021 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास की तथा दो साल तक इंतजार करने के बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास की।
इन दोनों परीक्षाओं को पास करने के बाद आरोपी ने राजस्थान सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 उत्तीर्ण की और चयन प्रक्रिया के एक दौर को छोड़कर बाकी सभी दौर को पार किया। मंगलवार 15 अक्टूबर को परीक्षा का आखिरी राउंड था। इस दौरान दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल टेस्ट में ही हंसराज सिंह की उम्र के बारे में तथ्य सामने आ गए और उसकी जालसाजी का भंडाफोड़ हो गया। आखिरी राउंड में नीमकाथाना क्षेत्र निवासी 31 वर्षीय हंसराज सिंह पकड़ा गया। सिंह खुद को 22 साल का बताने की कोशिश कर रहा था।
जांच के दौरान हंसराज सिंह की मौजूदा दसवीं की मार्कशीट में जन्मतिथि 25 नवंबर 2002 अंकित मिली। लेकिन शक होने पर उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास कई दस्तावेज मिले जिसमें उसकी पुरानी दसवीं की मार्कशीट की फोटो कॉपी थी। उसमें उसकी जन्मतिथि 1993 पाई गई। उससे बरामद अन्य दस्तावेजों में भी यही जन्मतिथि अंकित थी।
बारां के पुलिस अधीक्षक राज कुमार चौधरी ने बताया कि नीमकाथाना क्षेत्र निवासी सिंह को भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान सिंह ने कबूल किया कि उसने परीक्षा देने के लिए दस्तावेजों में अपनी उम्र 9 साल कम कर दी थी। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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