यूनिक समय ,नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और मौका मिलने पर इसकी कमान संभालने के अपने इरादे का संकेत दिया। बनर्जी के बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। जहां उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना बात करने की बात कह रही है। वहीं भाजपा जमकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है। भगवा दल का कहना है कि राहुल को हम नहीं विपक्षी गठबंधन बालक बुद्धि कहता है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के बयान पर उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘हम ममता बनर्जी की इस राय को जानते हैं। हम सब यह भी चाहते हैं कि वह इंडिया गठबंधन की एक प्रमुख भागीदार बनी रहें। चाहे ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना (यूबीटी), हम सब एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।’
वहीं, भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने बंगाल की मुख्यमंत्री के बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा, ‘इंडिया गठबंधन का कोई भी नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में विश्वास नहीं करता है। इंडिया गठबंधन का मानना है कि राहुल गांधी राजनीतिक रूप से नाकाम रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में कोई भी जनता के मुद्दे के लिए नहीं लड़ रहा है। यह सब के सब लोग एक दूसरे की राजनीतिक जमीन को काटने का प्रयास कर रहे हैं। कभी अखिलेश यादव कहते हैं कि वह नेता हैं, कभी ममता बनर्जी कहती हैं कि वह नेता हैं, कभी स्टालिन कहते हैं कि वह नेता हैं और हर कोई एक स्वर में कहता है कि राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा नेता नहीं हैं। इसलिए हम राहुल गांधी को बालक बुद्धि नहीं कहते, इंडिया गठबंधन राहुल को बालक बुद्धि कहता है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि यह घमंडिया गठबंधन चुनाव के बाद टूट जाता है। इनमें कोई एकता नहीं है। ममता का बयान दर्शाता है कि जनता को छोड़िए विपक्षी गठबंधन के नेताओं को भी कांग्रेस पर विश्वास नहीं है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि वह बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे के नेतृत्व के साथ दोहरी जिम्मेदारी संभालने में सक्षम होंगी। उन्होंने एक बंगाली समाचार चैनल के साथ इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने ‘इंडिया’ गठबंधन का गठन किया था। अब इसे प्रबंधित करना मोर्चे का नेतृत्व करने वालों पर निर्भर है। अगर वे यह नहीं कर सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस यही कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है।’
यह पूछे जाने पर कि एक मजबूत भाजपा विरोधी ताकत के रूप में अपनी साख को देखते हुए वह गठबंधन का प्रभार क्यों नहीं ले रही हैं, बनर्जी ने कहा, ‘यदि अवसर दिया गया तो मैं इसका सुचारू संचालन सुनिश्चित करूंगी। मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहां से संचालित कर सकती हूं।’ दरअसल भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठित ‘इंडिया’ गठबंधन में दो दर्जन से अधिक विपक्षी दल शामिल हैं। हालांकि आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी के कारण कई हलकों से इसे आलोचना का सामना करना पड़ा है।
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