पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली को आया बुखार, डॉक्टर ने बताया अब हालत स्थिर

भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली

यूनिक समय ,नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली को इलाज के दौरान बुखार आ गया, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। कांबली ठाणे जिले के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं और उनका इलाज कर रहे डॉक्टर लगातार उनके हेल्थ पर अपडेट दे रहे हैं। डॉक्टर विवेक त्रिवेदी ने बताया कि 52 वर्षीय कांबली यूरीन संक्रमण के कारण कुछ दिनों पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे, लेकिन उन पर इलाज का असर हो रहा है।

त्रिवेदी उस मेडिकल टीम का नेतृत्व कर रहे हैं जो कांबली का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर ने कांबली की एमआरआई करने की तैयारी की थी, लेकिन बुखार के कारण ऐसा नहीं हो सका। डॉक्टर त्रिवेदी का कहना है कि यह प्रक्रिया अब बाद में की जाएगी। त्रिवेदी ने कहा कि पहले की गई कई चिकित्सीय जांचों में मस्तिष्क में थक्के का पता चलने के बाद एमआरआई प्रक्रिया जरूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि कांबली को एक या दो दिन के भीतर आईसीयू से बाहर निकाले जाने और लगभग चार दिनों के बाद छुट्टी दिए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मुंबई के पूर्व क्रिकेटर की हालत चार दिन पहले गंभीर हो गई थी, जब उनका मूत्र मार्ग काफी संक्रमित था लेकिन इसमें अब काफी सुधार है।

इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे का फाउंडेशन कांबली की मदद के लिए आगे आया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि एकनाथ शिंदे के निर्देश पर उनके ओएसडी मंगेश चिव्ते मंगलवार की रात अस्पताल में पूर्व क्रिकेटर का हाल लेने पहुंचे। चिव्ते ने अस्पताल के मेडिकल स्टाफ के साथ बातचीत की और कहा कि कांबली को बेहतर मेडिकल सुविधा दी जानी चाहिए।

एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण से लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने कांबली को पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की। बयान में बताया कि यह मदद डॉक्टर श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन द्वारा अगले सप्ताह दी जाएगी। चिव्ते के अनुसार, श्रीकांत शिंदे ने कांबली और उनके परिवार को आगे भी मदद देने का भरोसा दिया है। कांबली ने एकनाथ शिंदे और श्रीकांत शिंदे का आभार व्यक्त किया है। इस पूर्व क्रिकेटर ने साथ ही उपमुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें धन्यवाद देने की इच्छा जताई है। बयान के अनुसार, एकनाथ शिंदे और श्रीकांत शिंदे जल्द ही कांबली को देखने अस्पताल जाएंगे।

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