यूनिक समय, नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने कर्नाटक हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर दावा किया है कि बैंकों द्वारा वसूली गई राशि उसके द्वारा लिए गए कर्ज से कहीं अधिक है। माल्या के वकील का कहना है कि किंगफिशर एयरलाइंस के लगभग 6,200 करोड़ रुपये के कर्ज के मुकाबले बैंकों ने 14,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की वसूली की है, जो उनके मुताबिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।
माल्या ने अपनी याचिका में कहा है कि किंगफिशर एयरलाइंस के वित्तीय संकट के लिए उन्हें पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस मामले में पुनर्विचार किया जाए, क्योंकि वसूली की गई राशि कर्ज की तुलना में कहीं अधिक है।
यह मामला उस समय उठाया गया है जब विजय माल्या की संपत्तियों को लेकर भारतीय बैंकों और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कार्रवाई जारी है। माल्या के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्टियम ने पहले ही लंदन हाई कोर्ट में माल्या को दिवालिया घोषित करवा लिया था, जिससे बैंकों को उसकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लोकसभा में विजय माल्या के मामले पर जानकारी दी थी, जिसमें बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के माध्यम से बैंकों ने विजय माल्या की संपत्तियों की बिक्री से कुल 14,131.6 करोड़ रुपये की वसूली की है, जो किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ी कर्ज राशि (6,203 करोड़ रुपये) से काफी अधिक है, जिसमें ब्याज भी शामिल है।
इस याचिका से यह साफ हो रहा है कि विजय माल्या और भारतीय बैंकों के बीच कानूनी संघर्ष और गहरा हो सकता है, खासकर तब जब माल्या की संपत्तियों को लेकर कोर्ट में मामले लंबित हैं।
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