यूनिक समय, मथुरा। बसंतोत्सव पर चंद्र आनंद निकुंज चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर तले आनंदोत्सव कवि सम्मेलन आयोजन नाभा घाट पर किया गया। इस कवि सम्मेलन का शुभारंभ आचार्य ज्ञानेंद्र गोस्वामी, आचार्य बृजेंद्र गोस्वामी ने किया। कवियत्री रेनू उपाध्याय की सरस्वती वंदना के बाद संचालन कर रहे डॉ. उमाशंकर राही ने कहा “लिया है जन्म मानव का तो फिर इंसान बनकर जी। भले ही एक दिन को जी मगर पहचान बनकर जी।”
आनंदोत्सव कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते कवि मोहन मोही ने कहा “जहां भी कॉरिडोर बनाए वहीं पर हम कमजोर हुए या तो हमने वहां सीटों को खोया या संघर्ष घनघोर हुए।” सिकंदराराऊ से आए हास्य कवि देवेंद्र दीक्षित शूल ने कहा “सौ रुपये का मुफ्त मिले कुछ तो हजार का छोड़ें काम।”
इस मौके पर बृजभूषण चतुर्वेदी दीपक, डीग से आए सुनील पाराशर सरल, के. सी. गौड़ बृजवासी तथा अलीगढ़ मणि मधुकर मूसल ने भी काव्य पाठ किया। इस अवसर पर डॉ. लक्ष्मी गौतम, अवनि गौतम, मधु शर्मा, अंतो शर्मा, शिवेंद्र गोस्वामी एवं रविशंकर गोस्वामी आदि उपस्थित थे।
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