सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त योजनाओं पर नाराजगी जताते हुए की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट मुफ्त योजनाओं पर नाराज

यूनिक समय, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुफ्त योजनाओं के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे लोगों में काम करने की इच्छा खत्म हो रही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मुफ्त राशन और पैसे मिलने से लोग काम नहीं करना चाहते। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि उनकी चिंता सराहनीय है, लेकिन क्या यह बेहतर नहीं होगा कि इन लोगों को समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जाए और देश के विकास में योगदान करने का मौका दिया जाए। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी को मिटाने के लिए प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रही है, जिसमें बेघर लोगों को आश्रय देने का भी प्रावधान होगा।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के संबंध में लाए गए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख भी तय कर दी है। कोर्ट ने बताया कि इस मामले पर 19 फरवरी को सुनवाई होगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता एनजीओ की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण को यह जानकारी दी। वकील प्रशांत भूषण ने अपील की कि याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि जल्द ही नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होनी है।

यह खबरें देश की राजनीति और न्यायपालिका के लिए महत्वपूर्ण हैं। एक तरफ मुफ्त योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने राजनीतिक दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में सुनवाई की तारीख तय होने से इस मुद्दे पर भी जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है।

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