
यूनिक समय, नई दिल्ली। आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। फुलेरा दूज का पर्व आज, 1 मार्च को सुबह 03:16 बजे से शुरू होकर 2 मार्च को रात 12:09 बजे तक चलेगा। यह पर्व विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसका संबंध भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी से है और इसे फूलों की होली का शुभारंभ माना जाता है। इस दिन मथुरा-वृंदावन में फूलों की होली खेली जाती है।
क्यों मनाया जाता है फुलेरा दूज?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के बीच दूरी बन गई थी, जिससे राधा रानी नाराज हो गई। राधा जी के नाराज होने से मथुरा के सारे फूल मुरझा गए। भगवान श्री कृष्ण राधा रानी से मिलने पहुंचे और राधा जी के साथ उन्होंने फूलों की होली खेली। इस खास दिन की याद में फुलेरा दूज मनाना जाता है। यह पर्व सालभर के अन्य पर्वों की तरह विशेष महत्व रखता है और इस दिन को शादी-सगाई जैसे शुभ कार्यों के लिए भी सर्वोत्तम माना जाता है।
फुलेरा दूज की पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करनी चाहिए साथ ही श्री कृष्ण और राधा रानी की मूर्तियों को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। उन्हें खीर, माखन-मिश्री आदि का भोग अर्पित करना चाहिए।
फुलेरा दूज का महत्व
यह प्रकृति की नई शुरुआत और जीवन के नयापन का प्रतीक है। इस दिन श्री कृष्ण की पूजा करने से वैवाहिक और प्रेम संबंधों में मधुरता आती है साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का भी आगमन होता है।
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