
यूनिक समय, नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया, जो 10 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कई अहम विधेयकों पर चर्चा और निर्णय लिए जायेंगे।
संसद बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत में ही विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन पर विवाद उठाते हुए राज्यसभा में हंगामा किया। इसके बाद, उपसभापति हरिवंश ने इन मुद्दों पर चर्चा करने के विपक्षी सांसदों के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिससे विपक्ष ने कार्यवाही के विरोध में सदन से बहिर्गमन किया।
विपक्षी दलों ने खासकर ‘ईपीआईसी’ (मतदाता फोटो पहचान पत्र) क्रमांक के दोहराव और दक्षिण भारतीय राज्यों के लोकसभा सीटों के परिसीमन से जुड़े मुद्दों पर विरोध जताया। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी बात रखनी शुरू की, लेकिन उपसभापति ने उन्हें खारिज किए गए नोटिसों से संबंधित मुद्दे नहीं उठाने को कहा, जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया और फिर सदन से बाहर चले गए।
सरकार का ध्यान इस दौरान बजट प्रक्रियाओं और मणिपुर के बजट को अनुमोदित करने पर रहेगा। वहीं, विपक्ष मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं को उठाने की योजना बना रहा है। इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस ने प्रमुख भूमिका निभाई है, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने सुधारात्मक कदम उठाने की घोषणा की है।
इसके अलावा, सरकार की प्राथमिकता वक्फ संशोधन विधेयक को शीघ्र पारित कराने की है, जबकि विपक्ष इसे लेकर विरोध कर सकता है। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला, और अब दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा।
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