
यूनिक समय, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ अधिनियम में संशोधन के विरोध में भड़की हिंसा के बाद हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर लगाए गए प्रतिबंध को अब और अधिक क्षेत्रों तक विस्तार दे दिया है। अब यह पाबंदी न केवल मुर्शिदाबाद के कई हिस्सों में जारी रहेगी, बल्कि मालदा और बीरभूम जिलों में भी प्रभावी कर दी गई है। यह प्रतिबंध 15 अप्रैल की रात 10 बजे तक लागू रहेगा।
इससे पहले इंटरनेट सेवाएं सिर्फ सुती, जंगीपुर, धुलियान और समसेरगंज जैसे हिंसाग्रस्त इलाकों में बंद की गई थीं। अब इनकी संख्या में इज़ाफा किया गया है, ताकि अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं को फैलने से रोका जा सके। हिंसा के दौरान सड़कों पर जले हुए वाहन, लूटपाट और तोड़फोड़ के दृश्य सामने आए हैं। रविवार को क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा, बाजार बंद रहे और लोग घरों में ही सिमटे रहे।
राज्य पुलिस के अनुसार, अफवाहों के ज़रिए तनाव को और भड़काने की आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है। सोशल मीडिया पर फर्जी सूचनाओं के प्रसार को रोकना कानून प्रवर्तन एजेंसियों की बड़ी चुनौती बनी हुई है।
इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस की संयुक्त गश्त शुरू कर दी गई है, जिससे हालात में आंशिक सुधार देखने को मिला है। बीएसएफ के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी हालात का जायजा लेने के लिए प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।
मुर्शिदाबाद और मालदा के सीमा क्षेत्रों में भी सुरक्षा को मजबूत किया गया है, ताकि सीमा पार से किसी प्रकार का घुसपैठ या हिंसा भड़काने की साजिश को नाकाम किया जा सके। हालात सामान्य होने तक सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहेंगी और इंटरनेट सेवाओं की बहाली पर निर्णय स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा।
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