
यूनिक समय, नई दिल्ली। विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन वैशाख मास में आने वाली यह तिथि विशेष रूप से पुण्यदायी मानी जाती है। इस वर्ष विकट संकष्टी चतुर्थी कल, बुधवार को मनाई जाएगी। बुधवार का दिन गणेशजी को समर्पित होता है, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।
विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत जीवन के संकटों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है। “विघ्नहर्ता” श्री गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सुख का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से भक्तों को ज्ञान, स्वास्थ्य, सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
व्रत तिथि और समय
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 16 अप्रैल 2025, दोपहर 1:16 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 17 अप्रैल 2025, दोपहर 3:23 बजे
पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रातः पूजन काल: सुबह 5:55 बजे से 9:08 बजे तक
इस दिन व्रत करने वाले भक्त सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर स्वच्छ या नवीन वस्त्र धारण करते हैं। संकल्प लेकर उपवास आरंभ करते हैं। कुछ लोग निर्जल व्रत करते हैं तो कुछ फलाहार पर रहते हैं।
पूजा विधि
- भगवान गणेश की मूर्ति को साफ स्थान पर स्थापित करें।
- उन्हें दुर्वा घास, ताजे फूल, घी का दीपक, मोदक और लड्डू अर्पित करें।
- पूजा की शुरुआत मंत्रों के जाप और संकष्टी व्रत कथा के पाठ से करें।
- संध्या काल में पुनः पूजन और आरती करें।
- चंद्रोदय के बाद चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य अर्पित करें और व्रत का पारण करें।
यह दिन भक्तों को हर प्रकार की कठिनाइयों से उबारने वाला और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने वाला माना जाता है।
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