
यूनिक समय, नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में पार्टी संगठन की स्थिति की समीक्षा की गई और कार्यकर्ताओं को यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि संगठनात्मक मजबूती के लिए किसी भी प्रकार की ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हालांकि, इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा उस शख्स की गैरमौजूदगी को लेकर रही, जिनकी हाल ही में पार्टी में वापसी हुई थी—मायावती के भतीजे और बीएसपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव आकाश आनंद।
कुछ दिन पहले मायावती ने सार्वजनिक रूप से आकाश आनंद को माफ करने की बात कही थी, जिससे यह उम्मीद जगी थी कि वह दोबारा सक्रिय भूमिका में नजर आएंगे। लेकिन इस बड़ी बैठक से उनकी दूरी ने पार्टी के भीतर और बाहर नए राजनीतिक संकेत और सवाल खड़े कर दिए हैं। न तो बैठक में उनका कोई जिक्र हुआ और न ही उनके भविष्य को लेकर किसी प्रकार की जिम्मेदारी की बात सामने आई।
मायावती ने इस दौरान राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार का ध्यान केवल चुनिंदा वर्गों और क्षेत्रों तक सीमित है। उन्होंने बीएसपी शासन की तुलना करते हुए कहा कि उनकी पार्टी हमेशा सभी वर्गों की भलाई के लिए काम करती रही है।
फिलहाल इस बैठक से यह साफ संकेत मिला है कि मायावती पार्टी संगठन को लेकर बेहद गंभीर हैं और किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं चाहतीं। लेकिन आकाश आनंद की अनुपस्थिति ने उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर फिर से अटकलों को जन्म दे दिया है। आने वाले दिनों में बीएसपी के अंदर के समीकरण किस दिशा में बढ़ते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
Leave a Reply