
यूनिक समय, नई दिल्ली। झारखंड में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वन भूमि घोटाले को लेकर मंगलवार सुबह कई स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई राज्य की राजधानी रांची, बोकारो और अन्य क्षेत्रों में स्थित कुल 15 ठिकानों पर की गई। छापेमारी विशेष रूप से बोकारो जिले के तेतुलिया मौजा में 103 एकड़ वन भूमि से जुड़े अनियमितताओं की जांच के तहत की गई है।
जानकारी के अनुसार, यह जमीन वर्ष 2013 में ‘जंगल साल’ यानी वन भूमि होते हुए भी राजस्व रिकॉर्ड में ‘पुरानी परती’ भूमि के रूप में दर्ज कर दी गई थी। इसके बाद, प्रशासनिक अधिकारियों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से इस भूमि को एक निजी निर्माण कंपनी को सौंप दिया गया।
इस मामले में सबसे पहले 2013 में महेंद्र कुमार मिश्र नामक व्यक्ति ने सीएनटी एक्ट की धारा 87 के तहत बोकारो इस्पात परियोजना प्राधिकरण के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, लेकिन 2014 के बाद उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया। तब तक जमीन के हस्तांतरण में कई स्तरों पर गड़बड़ियां सामने आ चुकी थीं।
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर सीआईडी ने भी जांच शुरू कर दी है। वहीं, बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल रुद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर सेक्टर-12 थाना में 18 मार्च 2024 को एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 406, 420, 467, 468, 471, 120बी/34 और फॉरेस्ट एक्ट की धारा 30(सी)/63 लगाई गई हैं।
ईडी की इस कार्रवाई से घोटाले से जुड़े और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
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