
यूनिक समय, नई दिल्ली। भारत में पाकिस्तान के खिलाफ बढ़ते गुस्से के बीच, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बांग्लादेश पर भी निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “बांग्लादेश भी गंगा नदी के पानी के लिए संघर्ष कर रहा है, अब समय आ गया है कि इसका पानी बंद कर दिया जाए। वे हमसे पानी लेंगे और पाकिस्तान के साथ गाएंगे।”
निशिकांत दुबे ने एक अंग्रेजी वेबसाइट की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें बताया गया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक सलाहकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य से मुलाकात की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. आसिफ नजरूल, जो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार हैं, ने पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद ढाका में लश्कर-ए-तैयबा के सीनियर ऑपरेटिव इजहार से मुलाकात की थी। इस घटनाक्रम से यह संदेह उत्पन्न हुआ है कि बांग्लादेश की सरकार भारत के खिलाफ उग्रवाद को बढ़ावा दे सकती है।
निशिकांत दुबे ने मोदी सरकार द्वारा 1960 में हुए सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले की सराहना की और कहा कि अब पाकिस्तान बिना पानी के मर जाएगा। साथ ही, उन्होंने इस संधि पर तंज करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने नोबेल पुरस्कार की चाहत में “सांप को भी पानी पिलाने” की कोशिश की थी।
भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 में गंगा जल के बंटवारे के लिए एक समझौता हुआ था, जिसका उद्देश्य गंगा नदी के पानी को दोनों देशों के बीच बांटना था। यह समझौता 30 साल के लिए था और 2026 में समाप्त होगा। फरक्का बैराज, जो भारत में पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर स्थित है, का निर्माण 1975 में हुआ था, और इसका उद्देश्य कोलकाता बंदरगाह के लिए पानी का प्रवाह बनाए रखना था।
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