
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में मिलावट और नकली दवाओं का धंधा करने वालों पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ‘सामाजिक अपराध’ करार देते हुए संबंधित विभागों को सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नकली दवाओं और मिलावटी खाद्य पदार्थों से जुड़े अपराधियों की तस्वीरें सार्वजनिक स्थानों और प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएं ताकि आम लोग उन्हें पहचान सकें और समाज में उनके खिलाफ नकारात्मक संदेश जाए।
सीएम योगी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि दूध, तेल, घी, पनीर और मसालों जैसी आम उपयोग की वस्तुओं की जांच प्राथमिक स्तर पर यानी उत्पादन इकाइयों पर ही की जाए। इसके लिए विशेष निगरानी टीमें गठित करने के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादों की जांच को प्राथमिकता दी जाए और इसके लिए विशेष दल सतत निगरानी रखें। साथ ही पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर उन पर भी सख्त नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तेजी से बढ़ाया गया है। पहले सिर्फ छह मंडलों में ये सुविधाएं थीं, लेकिन अब अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, चित्रकूट, मिर्जापुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, कानपुर समेत कई अन्य स्थानों पर नई प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इसके अलावा लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब भी तैयार की गई हैं, जिनमें रोगजनक जीवों की गहन जांच संभव हो पाई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोहराया कि जनस्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस विषय में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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