
यूनिक समय, मथुरा। प्रेम और भक्ति की नगरी वृंदावन एक बार फिर एक अद्वितीय भक्तिभाव की मिसाल बनी, जब एक कनाडा निवासी श्रद्धालु ने ठाकुर श्री बांके बिहारी जी को अमेरिकी डॉलर के नोटों से बनी माला भेंट की।
श्रीबांके बिहारी मंदिर में प्रतिदिन देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। हर भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार कुछ न कुछ अर्पित करता है, लेकिन यह भेंट विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करने वाली थी। मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी के अनुसार, यह माला एक विदेशी भक्त द्वारा अपनी मनोकामना पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अर्पित की गई थी।
डॉलर की हरे रंग की माला जब ठाकुर जी के विग्रह पर सजाई गई, तो मंदिर परिसर में क्षणभर के लिए सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए। आमतौर पर फूलों, रत्नों या पारंपरिक आभूषणों से सजे रहने वाले ठाकुर जी का यह रूप भक्तों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
सेवायत ने बताया कि इस भेंट के पीछे का भाव आर्थिक मूल्य से कहीं अधिक आध्यात्मिक और भावनात्मक था। विदेशी धरती पर रहने के बावजूद, भक्त ने अपनी संस्कृति से परे जाकर अपने आराध्य के प्रति प्रेम और समर्पण प्रकट किया।
यह भेंट इस बात का प्रमाण है कि भक्ति न तो सीमाओं को मानती है, न ही किसी विशेष वस्त्र या रीति-नीति को। ठाकुर बांके बिहारी जी केवल सच्चे भाव के भूखे हैं, और यही भाव उस माला में झलकता है।
यह घटना न केवल भक्त और ठाकुर जी के बीच के गहरे प्रेम को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि सच्ची श्रद्धा का कोई रूप, कोई देश, और कोई भाषा नहीं होती, वह केवल समर्पण से पहचानी जाती है।
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