अमेरिका रवाना होने से पहले शशि थरूर ने कहा- ‘आतंक के सामने चुप नहीं बैठेंगे’

शशि थरूर

यूनिक समय, नई दिल्ली। भारत ने हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ अपने कड़े रुख को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने की रणनीति के तहत ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की है। इस पहल के तहत शशि थरूर और विभिन्न राजनीतिक दलों के सात प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग देशों की यात्रा पर निकले हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अमेरिका सहित पांच देशों के दौरे पर रवाना हुआ। रवाना होने से पहले शशि थरूर ने एक वीडियो संदेश में कहा, “भारत आतंकवाद से डरने वाला देश नहीं है। हम खामोश नहीं बैठेंगे। हम सच्चाई को उजागर करेंगे और दुनिया को बताएंगे कि भारत शांति के रास्ते पर है लेकिन आतंकवाद का डटकर विरोध करेगा।”

जेडीयू सांसद संजय कुमार झा, जो जापान में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने कहा कि यह मिशन राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया, “हम पिछले तीन दिनों से जापान में हैं। हमारी टीम में सरकार और विपक्ष दोनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। हमारे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब देश की बात आती है, तो हम सब एक हैं।”

उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा, “आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया। जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है, और ऐसे हमले न केवल जानलेवा हैं, बल्कि आर्थिक क्षति भी पहुंचाते हैं।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए बताया कि भारत ने इस अभियान के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है।

इस मिशन के तहत रूस पहुंची डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी भारत की ओर से कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “हम यहां भारत का पक्ष स्पष्ट करने आए हैं। रूस भारत का रणनीतिक साझेदार रहा है और हम इस मुश्किल समय में उनका समर्थन चाहते हैं। पहलगाम हमला एक और उदाहरण है कि भारत दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा शांति की राह अपनाई है, लेकिन पाकिस्तान का रवैया इस दिशा में सबसे बड़ी रुकावट रहा है। “आज हम भारत सरकार और भारत की जनता की आवाज लेकर आए हैं। हम चाहते हैं कि पूरी दुनिया इस संघर्ष में हमारे साथ खड़ी हो,” उन्होंने कहा।

इस कूटनीतिक अभियान का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की आतंकवाद-विरोधी नीति के समर्थन में लामबंद करना है। भारत स्पष्ट संदेश दे रहा है कि वह न केवल आतंकी घटनाओं का जवाब देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता भी मांगेगा।

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