नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी मधेपुरा में नवनिर्मित इंजन कारखाना को उद्घाटन करेंगे और फैक्ट्री में निर्मित पहले विद्युत इंजन को राष्ट्र को समर्पित भी करेंगे।
उद्घाटन के साथ राष्ट्र को मधेपुरा रेल कारखाना का पहला निर्मित इंजन देश को समर्पित हो जाएगा। इसके साथ ही भारत रूस, चीन, जर्मनी और स्वीडन सहित उन देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा, जिनके पास 12,000 एचपी या इससे ज्यादा की क्षमता वाला बिजली के रेल इंजन है। फिलहाल, भारतीय रेल के पास अब तक सबसे ज्यादा क्षमता वाला 6,000 एचपी का रेल इंजन है।
12 हजार हॉर्स पावर का इंजन देश का सबसे शक्तिशाली इंजन है जो मालगाड़ी की रफ्तार को दुगुना बढ़ा देगा। यह इंजन नौ हजार टन तक माल खींचने में सक्षम होगा।
देश के पहले 12,000 हार्स पावर क्षमता के विद्युत चालित रेल इंजन को रिमोट कंट्रोल से किया जाएगा रवाना।
रेलवे और फ्रांस की कंपनी एल्सताम की साझेदारी में यह देश का पहला संयुक्त रेल इंजन कारखाना है।
इसके लिए 2015 में समझौता हुआ और रेल क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।
परियोजना के तहत ज्वाइंट वेंचर कंपनी इसमें 1,300 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश कर रही है।
इसमें रेलवे 26 प्रतिशत की भागीदार और 100 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी का योगदान कर रही है।
भारतीय रेल इस कारखाने से 11 साल में 800 इंजन खरीदेगी।
2019 तक पहले पांच इंजन एसेंबल किए जाएंगे जबकि बाकी 800 इंजन का विनिर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया जाएगा।
कारखाने में 2021-22 से सालाना 100 इलेक्ट्रिक इंजन का विनिर्माण किया जाएगा।
मंत्रालय के मुताबिक, 20000 करोड़ रुपए से अधिक अनुमानित लागत वाले इस कारखाने में 35 से अधिक इंजीनियरों का दल दिन-रात इंजन एसेंबल के काम में लगा है।
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