नई दिल्ली। पूरी दुनिया में इस समय कठुआ और उन्नाव रेप केस की घटना चर्चा का विषय बनी है। दुनिया भर के 600 से अधिक शिक्षाविदों और विद्वानों ने प्रधानमंत्री मोदी को खुला पत्र लिखकर कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों पर अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए उन पर देश में बने गंभीर हालात पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाया। इस पत्र में केंद्र सरकार को इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया है। लेटर पर हस्ताक्षर करने वालों में से अधिकतर भारतीय मूल के हैं। इस लेटर में पीएम के लिए कहा गया है कि ‘हमने देखा है कि देश में बने गंभीर हालात पर और सत्तारूढ़ों में हिंसा से जुड़ाव के निर्विवाद संबंधों को लेकर आपने लंबी चुप्पी साध रखी है।’यह खत ऐसे दिन आया है जब कठुआ और सूरत में नाबालिग बच्चियों के बलात्कार और हत्या एवं उन्नाव में एक लड़की से बलात्कार को लेकर देशभर में आक्रोश के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार (21 अप्रैल) को ही 12 वर्ष और उससे कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामले में दोषी पाये जाने पर मृत्युदंड सहित कड़े दंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को मंजूरी दी।प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में कहा गया है कि वे कठुआ और उन्नाव एवं उनके बाद की घटनाओं पर अपने गहरे गुस्से और पीड़ा का इजहार करना चाहते हैं। पत्र में लिखा गया, ‘‘हमने देखा है कि देश में बने गंभीर हालत पर और सत्तारूढ़ों के हिंसा से जुड़ाव के निर्विवाद संबंधों को लेकर आपने लंबी चुप्पी साध रखी है।’’ इस पत्र पर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, ब्राउन विश्वविद्यालय, हार्वर्ड एवं कोलंबिया विश्वविद्यालयों एवं विभिन्न आईआईटी के शिक्षाविदों और विद्वानों ने हस्ताक्षर किए हैं।
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