नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बैंक अकाउंट से आधार और पैन नंबर के जुड़े होने की वजह से बड़ी कामयाबी मिली है। बैंक अकाउंट से आधार और पैन नंबर के जुड़े होने की वजह से आयकर विभाग को 33 हजार करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। खबरों के मुताबिक पैन नंबर को आधार से जोड़े जाने की वजह से ऐसे कई मामले सामने में आए हैं जिनमें लोगों ने गलत जानकारी दी थी कि उनके पास पैन नंबर नहीं है। साल 2016-17 और 2017-18 के विश्लेषण के मुताबिक 1.65 करोड़ लेन-देन ऐसे थे जो फॉर्म 61 के जरिये फाइल किए गए थे। बड़ी तादाद में लोगों ने पैन नंबर होने के बावजूद उसका जिक्र फॉर्म में नहीं किया था। दरअसल आयकर रिटर्न दाखिल करते वक्त लोगों को कुछ जानकारियां देनी होती हैं। जिन लोगों के पास पैन नंबर नहीं है उन्हें फॉर्म 60 या 61 भर कर अपने लेन-देनों (जैसे वाहन की खरीद, अचल संपत्ति की बिक्री आदि) की जानकारी देनी होती है। जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग उन खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जिनके लेन-देन उनके द्वारा घोषित की गई आय से मेल नहीं खाते हैं।
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