दिल्ली। अगर आप से कहा जाए कि आप आंखों पर पट्टी बांधकर किताब पढ़ें तो आप सोच में पड़ जाएंगे कि ऐसा कैसे मुमकिन है. बेशक ये दूसरों के लिए नामुमकिन सी चीज़ है पर अब्दुल बिलाल खान के लिए बाएं हाथ का खेल है. बिलाल आंखों पर पट्टी बांधकर ना सिर्फ किताब पढ़ लेते हैं बल्कि दूसरे काम भी आसानी से कर लेते हैं.
उत्तर प्रदेश के उरई शहर के रहने वाले बिलाल का दावा है कि वो शब्दों को बंद आंखों से, महज़ छूकर पढ़ लेते हैं. वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे उनकी आंखों पर एक मोटी पट्टी बंधी हुई है पर वो बड़े आराम के किताब को पढ़ रहे हैं. बिलाल बंद आंखों से किताब का वो पन्ना भी खोल देते हैं जो उनसे खोलने के लिए कहा जाए.
बिलाल कहते हैं कि जब किताब उनके हाथों में आती है तो वो शब्दों को महसूस कर लेते हैं और इस तरह से वो उन्हें पढ़ पाते हैं.
बिलाल के कारनामे को देखकर लग सकता है कि शायद उन्हें पट्टी के पार से दिखाई देता हो पर बिलाल इस बात को नकार देते हैं. बिलाल की आंखों पर जिस तरह से पट्टी बांधी जाती है, उससे उसके पार देखना असंभव सा हो जाता है. बिलाल की आंखों पर पहले एक पट्टी बांधी जाती है फिर कॉटन रखा जाता है और फिर दूसरी पट्टी बांध दी जाती है.
किताब पढ़ने के अलावा बिलाल, आंखों पर पट्टी बांधकर निशाना भी लगा लेते हैं. वो बड़ी आसानी से गुब्बारे पर निशाना लगाते हैं और आंखों पर पट्टी होने के बावजूद उनका निशाना अचूक होता है.
बिलाल अपने कारनामे को कुदरत का करिश्मा नहीं मानते बल्कि वो इसका श्रेय मेडिटेशन को देते हैं. बिलाल ने बताया कि पिछले कुछ सालों से वो लगातार मेडिटेशन कर रहे हैं. उनके ये कारनामा कई सालों की प्रैक्टिस और मेडिटेशन का नजीता है.
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