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मथुरा। एस0के0एस0 आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण की सुरक्षा तथा संरक्षण हेतु गांव पसौली में एक शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का प्रारम्भ गांव के प्रधान द्वारा किया गया। शिविर के उपरान्त प्रभारी डा0 प्रवीन मिश्रा द्वारा पर्यावरण के बारे में जानकारी दी गयी कि पर्यावरण व जीवन का अटूट सम्बन्ध है। जीवन के स्तर को बेहतर और अधिक प्राकृतिक बनाने के लिए पूरे विश्वभर में पर्यावरण के कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विश्व पर्यावरण अभियान की स्थापना की गई है। आजकल पर्यावरण का मुद्दा जिसके बारें में जागरूक होना चाहिए। विश्व पर्यावरण दिवस ईको दिवस के नाम से भी जाना जाता है। ये वर्षों से, एक बड़े वार्षिक उत्सव में से एक है जो हर वर्ष 5 जून को जीवन का पालन पोषण करने वाली प्रकृति को सुरक्षित रखने के लक्ष्य के लिए लोगों द्वारा पूरे विश्व भर में मनाया जाता है। हमारा देश भारत, प्लास्टिक से पर्यावरण संरक्षण के बारे में जनता के बीच जगारूकता बढ़ाने के लिए विश्व पर्यावरण 2018 का वैश्विक मेजबान है। इस बार वल्र्ड इन्वाॅयरमेंट डे सेलिब्रिेशन का थीम-‘‘बीट प्लास्टिक पोल्यूशन’’ इस अवसर पर पूरे देश के सभी लोग मिलकर प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले प्रदूषण के लिए आवाज उठाएॅगे। हमे अपने आस-पास के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए रीड्यूज, रीयूज, रिसाइकिल के फार्मूले पर कार्य करना होगा जिसके अनुसार फालतू के प्रयोग को घटाना होगा, बहुत सी ऐसी वस्तुएॅ जिनका हम नहीं, तो दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है जैसे- पुराने कपड़े, मोबाइल, कम्प्यूटर इत्यादि। प्लास्टिक नाॅन डिग्रेडेबिल वस्तु है जिसमें खतरनाक रसायन होता है जो कि जलाने पर जहरीली गैस उत्पन्न करता है जो कि हमारे शरीर में प्रवेश कर गम्भीर बीमारी को न्यौता देता है। इसे रिसाइकिल करना बहुत जरूरी है। पर्यावरण को बचाने के लिए हमको अपने आस-पास अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए, बिजली फालतू बर्बाद नहीं करनी चाहिए, प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, पानी की सुरक्षा करनी चाहिए फालतू पानी बर्बाद न करें जितनी जरूरत हो उतना ही पानी इस्तेमाल करना चाहिए, खाना बर्बाद न करें संतुलित भोजन लें, अपने आस-पास आने जाने के लिए मोटर वाहनों का प्रयोग कम करें जहाॅ तक हो सके अपने आस-पास के क्षेत्र में साइकिल का प्रयोग करें जिससे धुॅआ कम निकले व ईधन की बचत हो, तथा हमारा शारीरिक व्यायाम भी हो सके। अपने आस-पास गंदगी न करें कूड़ा इधर-उधर न फेंके, कूड़ेदान का प्रयोग करें। विश्व पर्यावरण अभियान के कुछ लक्ष्य है जो निम्नवत हैंः-पर्यावरण मुद्दों के बारे में आम लोगों को जागरूक बनाने के लिए इसे मनाया जाता है। विकसित पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों में से एक सक्रिय एजेंट बनने के साथ ही उत्सव में सक्रियता से भाग लेने के लिए अलग समाज व समुदाय से आम लोगों को बढ़ावा देता है, जिससे कि उन्हें जानकारी हो कि पर्यावरण मुद्दों की ओर नकारात्मक बदलाव रोकने के लिए सामुदायिक लोग बहुत जरूरी हैं। सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक सुखी भविष्य का आनन्द लेने के लिए लोगों को अपने आस-पास के माहौल को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
चूँकि दिनो-दिन प्रगति के कारण हम इस प्रकृति, जिस पर हमारा जीवन आधारित है उससे दूर होते जा रहे हैं व वायु, तथा मृतिका को प्रदूषित कर रहे हैं। दिनों-दिन वृक्षों की संख्या कम हो रही हे व वृक्षों की जगह गगनचुम्बी इमारतों ने ले ली है। वायु व जल प्रदूषण हमें बीमार बना रहे हैं। जिससे कि अस्थमा, एलर्जी व पेट की बीमारियाँ हो रही है। अतः पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए हमें कुछ प्रयास निम्न तरीके से करने चाहिए जैसे वृक्षों को नियमित रूप से लगायें ताकि शुद्ध वायु व वर्षा मिल सकें। इसके अतिरिक्त शौचालयों का प्रयोग, बायोजैविक खादों का प्रयोग करना चाहिए। इस शिविर में भारी संख्या में वृद्धों व युवाओं ने भाग लिया तथा ग्राम समाज की ओर से सारे सदस्यों का आभार प्रकट किया गया तथा एस0के0एस0 गु्रप की प्रशंसा की गयी। लगभग 78 लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा वितरित की गई। समस्त जनता ने विश्व पर्यावरण दिवस की जानकारी व संस्थान की सेवा भावना से गदगद होते हुए डा0 प्रवीन मिश्रा, डा0 अभिषेक द्विवेदी व फार्मास्टि शेखर, नारायण, बलवीर का अभिनन्दन तथा संस्था के वाइस चेयरमैन श्री मयंक गौतम जी की निस्वार्थ समाज सेवा के प्रति सहानुभूति प्रकट की गई।
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