
कार्यशाला के मुख्य प्रवक्ता डा. राजीव चुग ने कहा कि खोखले दांतों को अब निकालने की आवश्यकता नहीं ‘‘रूट कैनाल ट्रीटमेंट’’ से इलाज संभव
आरके एजुकेशनल हब के चैयरमेन डा. रामकिशोर अग्रवाल, वाइस चैयरमेन पंकज अग्रवाल और एमडी मनोज अग्रवाल बोले-कार्यशालाओं के ज्ञान से मरीजों को राहत दें
मथुरा। केडी डेन्टल काॅलेज ने मनी कम्पनी के सहयोग से ‘‘रूट कैनाल ट्रीटमेंट’’ पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यशाला के मुख्य प्रवक्ता डा. राजीव चुग और मनी कम्पनी के प्रतिनिधि राणा धीरज ने ‘‘रूट कैनाल ट्रीटमेंट’’ की नवीनतम तकनीकों से चिकित्सकों को अवगत कराया। डा. राजीव चुग ने बताया कि आज दांतों की नसों के इलाज में दंत चिकित्सा विज्ञान ने काफी प्रगति कर ली है। बीते जमाने में दांत खोखले होने पर निकालने के सिवा कोई उपाय नहीं होता था। अब खोखले दांतों को बचाने का तरीका ‘‘रूट कैनाल ट्रीटमेंट’’ है।
कार्यशाला के प्रारंभ होने से पूर्व डा. मनेश लाहोरी ने कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा. राजीव चुग और मनी कम्पनी के प्रतिनिधि वक्ता धीरज राणा को डा. रोहित कौल ने बुके भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि हर चिकित्सक को नित रोज हो रही रिसर्च के बारे में जानकारी करते रहना चाहिए। ऐसी जानकारियां आयोजित की जाने वाली कार्यशालाआंे के माध्यम से मिलती रहती है। मुख्य वक्ता डा. राजीव चुग ने कहा कि दांतों को सड़न, कीड़ा, दांतों की जड़ों (पल्प) तक पहुंच जाता है। इससे मरीज को भयंकर दर्द होता है। ऐसे खोखले दांतों को अब रूट कैनाल पद्धति के द्वारा बचाया जा सकता है। जबकि काफी समय पहले दांतों को निकाल दिया जाता था।
आरके एजुकेशनल हब के चैयरमेन डा. रामकिशोर अग्रवाल, वाइस चैयरमेन पंकज अग्रवाल और एमडी मनोज अग्रवाल ने कहा कि केडी डेंटल कालेज में आयेदिन दांतों के रोगों के प्रति जागरुकता लाने के लिए कन्टीन्यूइंग डेंटल एजूकेशन के तहत आयोजित की जा रही कार्यशालाओं मेें चिकित्सकों को नवीनतम विकसित की जा रही रिसर्चाें और तकनीकों की जानकारी दिया जाना आवश्यक है। ऐसा करके मरीजों का भला करना संभव हो पाता है। मरीजों की चिकित्सक नवीनतम तकनीक और रिसर्चाें के द्वारा इलाज कर राहत प्रदान करते हंै। कार्यशाला में प्रधानाचार्य डा. मनेश लाहौरी, डा. रोहित पाॅल, डा. अजय नागपाल, प्रशासनिक अधिकारी नीरज कुमार छापरिया समेत विभाग के अन्य सभी लोग मौजूद रहे।
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