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नई दिल्ली। सेल कंपनियों के खिलाफ सरकार ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है। जी हां, आपको बता दें कि करीब 25-30 फीसदी भारतीय कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। यह कार्रवाई उन कंपनियों के खिलाफ होगी जिनका टर्नओवर पिछले 2 साल में शून्य रहा है।
मी़डिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (MCA) कंपनीज ऐक्ट की धारा 248 के प्रावधानों को इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। इसके तहत लगातार 2 साल से निष्क्रिय ‘डोरमेट कंपनियों’ के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा, भले ही उन्होंने रिटर्न फाइल करने की अनिवार्यता का पालन किया हो।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक यह कानून सरकार को कुछ प्रावधानों के तहत कंपनियों को बंद करने का अधिकार देता है। दो साल तक कोई कारोबार ना होना पर्याप्त आधार है। यदि आपने दो साल तक कोई कारोबार नहीं किया है तो जरूरत कोई कारण है। कानून के मुताबिक, सरकार को ऐसी कंपनियों और उनके डायरेक्टर को नोटिस देना होता है, जिस पर 30 दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा जाता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि कंपनीज ऐक्ट के प्रावधानों के मुताबिक, यदि कोई कंपनी गठन के एक साल के भीतर कारोबार शुरू नहीं करती या 180 दिनों के भीतर कैपिटल सब्सक्रिप्शन नहीं बनाया गया या फिर दो साल तक कोई कारोबार नहीं होता तो सरकार कंपनी का नाम रजिस्टर से हटा सकती है।
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