खट्टर को खापड़ की चेतावनी, कहा- 15 अगस्त को यहीं करेंगे धर्म परवर्तन

नई दिल्ली। हरियाणा के जींद में पिछले 126 दिनों से धरने पर बैठे दलितों ने 15 अगस्त को अपना धर्म परिवर्तन करने का ऐलान कर दिया है। इस बार चंडीगढ़ या दिल्ली में ही नहीं, जींद के धरना स्थल पर ही धर्म बदला जाएगा। दलितों ने कहा कि जो लोग कह रहे थे कि धर्म परिवर्तन नहीं हुआ वो लोग जींद में होने वाले कार्यक्रम को लाइव देख सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दलितों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार दलितों की अनदेखी कर रही है। 5 जून से 15 जून तक का अल्टिमेटम देने के बावजूद सरकार के कानों पर जूं तक नही रेंगी। आपको बता दें कि पिछले 126 दिनों से दलित जॉइंट एक्शन कमिटी दलितों की विभिन्न मांगों को लेकर लघु सचिवालय में धरने पर बैठे कमेटी के संचालक दिनेश बौद्ध खापड़ ने कहा कि पिछले चार महीनों से दलित अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। इसके बावजूद सरकार और जिला प्रशासन उनकी मांगों की अनदेखी कर रहा है। इतना ही नहीं खापड़ ने कहा कि दलित पीड़ित परिवारों ने अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए 2 बार चंडीगढ़ में और एक बार दिल्ली में भारतीय संविधान और कानून के दायरे में रहकर कड़े से कड़ा संघर्ष किया। कई बार सरकार से मिलने का प्रयास किया मगर सरकार लगातार अनदेखी करती रही। इसी अनदेखी से तंग आकर 31 मई को करीब 120 दलितों ने दिल्ली जाकर बौद्व धर्म अपना लिया।धर्म परिवर्तन के बाद सीएम मनोहरलाल खट्टर कहते है कि किसी ने भी धर्मांतरण नही किया। खापड़ ने सीएम को चैलेंज करते हुए कहा कि इस बार दिल्ली में नहीं, बल्कि जींद में धर्मातरण करेंगे और वो इसे लाइव देख सकते हैं।दिनेश बौद्ध खापड़ ने कहा कि उनका मकसद धर्मांतरण नही बल्कि धरने पर बैठे दलितों की जायज मांगें मनवाना है। अपनी मांगों को पूरा करवाने के मकसद से उन्होंने 5 जून को फिर सरकार और जिला प्रशासन को 10 दिन का अल्टिमेटम दिया था। यह अल्टिमेटम खत्म होने पर 15 अगस्त को धर्मांतरण का निर्णय लिया। ये निर्णय प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण लिया गया है। इन 10 दिनों में कोई भी अधिकारी या सरकार का नुमांईदा उनसे बात तक नही करने आया। खापड़ ने कहा कि दो महीने में वे इस धर्मांतरण को लेकर तैयारियां करेंगे।

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