नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के मसले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के विवादित बयान को लेकर जारी बवाल अभी थमा भी नहीं था कि कांग्रेस के अन्य बड़े नेता सैफुद्दीन सोज का विवादित बयान सामेन आया है। कश्मीर के ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि ने कहा है कि हम पाकिस्तान से विलय नहीं चाहते पर हमें आजादी चाहिए।
सोज ने कहा कि वर्तमान स्थिति में कश्मीर की आजादी इससे जुड़े देशों के कारण संभव नहीं है, लेकिन यह जरूर है कि कश्मीर के लोग पाकिस्तान के साथ इसका विलय नहीं कराना चाहते हैं। सोज के इस बयान के बाद उनका जबर्दस्त विरोध भी शुरू हो गया है।
सोज ने अपने विवादित बयान में कहा कि कश्मीर के लोग भारत से आजादी चाहते हैं। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि यह उनका निजी बयान है और इससे पार्टी को कोई लेना देना नहीं है। सोज ने यह भी मांग उठाई कि भारत सरकार को हुर्रियत और अलगाववादियों से बात करनी चाहिए। राज्यपाल एनएन वोहरा की ओर से जम्मू और कश्मीर को लेकर बुलाई सर्वदलीय बैठक से पहले सोज के बयान ने तूल पकड़ लिया है।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के एक बयान का समर्थन करते हुए सोज ने कहा, ‘मैं उनकी बातों से इत्तेफाक रखता हूं कि कश्मीर में रहने वालों को अगर मौका मिले तो वे भारत या पाकिस्तान का हिस्सा बनने की बजाय आजाद होना ज्यादा पंसद करेंगे।’ उन्होंने कहा कि मुशर्रफ ने लगभग 10 साल पहले जो बयान दिया था, वह जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों पर ठीक बैठता है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले आजाद ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ‘बाहुबल’ वाली नीति आम लोगों के खिलाफ काम कर रही है क्योंकि 4 आतंकियों को मारने के चक्कर में 20 नागरिक मारे जा रहे हैं।
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