नई दिल्ली। कश्मीर के संदर्भ में कांग्रेस के दो नेताओं के बयान विवादों में आ गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने शुक्रवार को कहा, ‘‘मुशर्रफ कहते थे कि कश्मीरियों की पहली पसंद तो आजादी है। मुशर्रफ का बयान तब भी सही था, आज भी सही है।’’ वहीं, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा था, ‘‘4 आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 20 नागरिकों मारे जाते हैं।’’
गुलाम नबी के बयान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने समर्थन कर दिया। इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘कांग्रेस सेना का मनोबल कम कर रही है। अगर कांग्रेस को 44 से 14 लोकसभा सीटों पर आना है तो उसे मुबारक। कांग्रेस नेताओं को पाकिस्तान से खूब समर्थन मिल रहा है। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए तारीक हमीद कारा की भाषा तो वही है जो पाकिस्तान के आतंकियों की रही है।’’
सोज की किताब में मुशर्रफ का जिक्र : सोज ने अपनी किताब ‘कश्मीर : ग्लिम्प्सेस ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ में मुशर्रफ की बातों का जिक्र किया है। इस किताब का इसी महीने लोकार्पण होना है। सोज ने शुक्रवार को कहा, ‘‘मुशर्रफ कहते थे कि कश्मीरी लोग पाकिस्तान के साथ विलय नहीं चाहते। अगर कश्मीरियों को अपनी राह चुनने का मौका दिया जाए तो वे आजादी को तरजीह देंगे। मुशर्रफ ने यह बात अपने मुल्क की फौज के आला अफसरों से भी कही थी। मैं भी यही मानता हूं, लेकिन जानता हूं कि ऐसा हो पाना मुमकिन नहीं है।’’
गुलाम नबी ने नरसंहार की साजिश का आरोप लगाया था : गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को एक चैनल से बातचीत में कहा था- सरकार चार आतंकियों को मारती है, उसके साथ 20 नागरिक मारे जाते हैं। सरकार की कार्रवाई आतंकियों से ज्यादा सिविलियंस के खिलाफ रहती है। पुलवामा में सिर्फ एक आतंकी और 13 आम लोग मारे गए। ऑलआउट ऑपरेशन शुरू करने के ये मायने हैं कि वे नरसंहार की साजिश रच रहे हैं। गुलाम नबी के बयान का लश्कर ने किया समर्थन : आजाद के बयान के बाद लश्कर-ए-तैयबा के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने कश्मीर के मीडिया को भेजे बयान में कहा- गुलाम नबी आजाद जो कहते हैं, हमारा भी शुरुआत से यही मानना है। भारत कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाकर बेकसूरों का नरसंहार करना चाहता है। भारत का कदम कत्लेआम को बढ़ाएगा। कांग्रेस को पाकिस्तान से समर्थन मिलने पर भाजपा ने उठाए सवाल : रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के स्वरों काे आजकल पाकिस्तान से तुरंत समर्थन कैसे मिल जाता है। लश्कर-ए-तैयबा से उन्हें समर्थन आ चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी गैरजिम्मेदाराना सियासत का समर्थन कर रहे हैं। गुलाम नबी आजाद शहीद औरंगजेब के घर आर्मी चीफ और रक्षा मंत्री के जाने को ड्रामा बताते हैं। इस तरह कांग्रेस सेना के जज्बे को तोड़ने का काम करती है। हमारे पास एक पुराना वीडियो है जिसमें हाफिज सईद कांग्रेस के नेताओं की तारीफ कर रहा है।’’
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “सैफुद्दीन सोज जब केंद्र में मंत्री थे तब उन्होंने सरकार की मदद से अपनी बेटी को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चंगुल से छुड़ाया था। तब उनकी मदद इन लोगों (अलगाववादियों) ने नहीं की थी। जो लोग भारत में रहना चाहते हैं वे रहें। अगर सोज को मुशर्रफ पसंद हैं तो हम उन्हें पाकिस्तान का एक तरफ का टिकट दे सकते हैं।”
अरुण जेटली ने कहा कि घाटी में सरेंडर से मना करने वाले आतंकियों से निपटना डराने-धमकाने वाली या बाहुबली की नीति नहीं हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य में राजनीतिक समाधान निकलने तक का इंतजार नहीं किया जा सकता है। आतंकी संपादकों, मासूम लोगों को मार रहे हैं। इस क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती पर देश को बड़ी लागत चुकानी पड़ रही है।
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