नई दिल्ली। भारत हो या पाकिस्तान, सीमा के दोनों तरफ मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिहाज़ से कश्मीर ऐसा मुद्दा रहा है, जिसे सभी सियासी पार्टियां भुनाना चाहती हैं। लिहाजा दोनों मुल्कों के सभी दलों के घोषणापत्र में कश्मीर के मुद्दे को हमेशा प्रथमिकता दी जाती रही है। ऐसे में एक चौंकाने वाली खबर पड़ोसी देश पाकिस्तान से आई है जहां के बड़े राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में कश्मीर का मुद्दा लगभग गायब दिख रहा है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों को लेकर जहां सियासी सरगर्मी चरम पर है।
वहीं मतदाताओं को लुभाने के लिए तमाम राजनीतिक दलों ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि पाकिस्तान के बड़े दल- पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) यानी पीएमएल-एन, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चुनावी घोषणापत्र पर नज़र डाले तो कश्मीर का जिक्र नाममात्र ही हुआ है। गौरतलब है कि कश्मीर को लेकर आक्रामक रुख रखने वाली, पाकिस्तानी सेना द्वारा परोक्ष रूप से समर्थित पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सोमवार को जारी 58 पन्नों के घोषणापत्र में कश्मीर का जिक्र सिर्फ दो बार आया है। चार प्रमुख विदेशी मुद्दों में कश्मीर तीसरे नंबर पर है. इमरान खान की पार्टी के घोषणापत्र में कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव के दायरे में सुलझाने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने की बात कही गई है।
वहीं पाकिस्तान के सबसे बड़े दल, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन के घोषणापत्र में चीन के साथ नजदीकी को प्राथमिकता के साथ पाकिस्तान के परमाणू हथियारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। वहीं कश्मीर को विदेशी रिश्तों को सुधारने के लिहाज से दस सुत्रीय एजेंडे में नौंवा स्थान दिया गया है. जबकि घोषणापत्र में कश्मीर, फिलिस्तीन व रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे कथित अत्याचार पर सहानुभूति जताई गई है।
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