नई दिल्ली। पृथ्वी पर मौजूद एक ऐसा शिलाखंड जिसका कनेक्शन सीधा स्वर्ग से है। भारत में मौजूद एक ऐसी जगह है, जहां से अंतरिक्ष का रास्ता खुलता है। दक्षिण भारत का ये गुप्त दरवाजा दो दुनिया को आपस में जोड़ता है। सुनकर यकीन नहीं होगा पर तिरुमला की पहाड़ियों पर मौजूद ये स्टार गेट महज कुछ सेकेंड में अंतरिक्ष के किसी भी हिस्से में पहुंचा सकता है।
तिरुमला की पहाड़ियां पर एक शिला द्वार के जरिए चुटकियों में एक लोक से दूसरे लोक पहुंचा सकता है। इसे तारा द्वार भी कहा जाता है, यानी स्टार गेट उस प्वॉइंट को कहते हैं, जहां से एक लोक से दूसरे लोक कुछ ही सेकंड में पहुंचा जा सकता है। कहने का मतलब ये कि अगर आप पृथ्वी पर हैं और किसी दूसरे ग्रह पर जैसे मंगल पर या शनि पर पहुंचना है तो स्टार गेट के रास्ते आप वहां कुछ ही सेकंड में पहुंच जाएंगे। हालांकि इस बात पर यकीन करना मुश्किल है पर तिरुमला की पहाड़ियों पर जो सबूत मिले हैं, उसने वैज्ञानिकों को भी चक्कर में डाल दिया है।
विज्ञान के लिए ये मानना मुश्किल है कि पत्थरों से बना ये तारा द्वार इतना चमत्कारी हो सकता है कि इससे पूरे ब्रह्मांड की दूरी सेकंडों में नापी जा सकती है, पर यहां अब तक हुए रिसर्च से ये साफ हो चुका है कि तिरुमला की इन पहाड़ियों में कोई ऐसी शक्ति है जो विज्ञान की समझ से भी परे है।
शिला तोरणम क्या है…
शिला तोरणम तिरुमला की पहाड़ियों के बीचों-बीच है
तिरुपति मंदिर से ये बमुश्किल 1 किलोमीटर के फासले पर है
ये 26 फीट चौड़ा है और इसकी ऊंचाई है करीब 10 फीट
इसका इतिहास करीब 150 करोड़ साल पुराना है
देखने में ये शिला तोरणम किसी आम शिला खंड की तरह ही लगता है पर इसकी हकीकत जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। अगर आप भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि उसके ईर्द गिर्द भी इसी तरह का शिला तोरणम बना है, जो तारा द्वार यानी स्टार गेट का ही प्रतीक है यानी वो गुप्त द्वार जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल लोग एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक आने जाने के लिए करते थे।
यहां के स्थानीय लोग मानते हैं कि भगवान विष्णु ने इसी जगह पर अपना पहला पग रखा था। हजारों साल पहले पत्थर पर उकेरा गया ये चरण कमल भगवान विष्णु के ही हैं, जिनसे ऐसी तरंगें निकलती हैं कि इस पर गिरनेवाला पानी भी भाप बन जाता है, इसलिए इसे ताला लगाकर संरक्षित कर दिया गया है।
ठीक इसी तरह ये शिला तोरणम भी अदभुत शक्तियों से लैस है। ये शक्ति इतनी प्रबल है कि कोई भी इसके नजदीक नहीं जा सकता, जो गया वो बेहोश हो गया। कहते हैं कई साल पहले जब एक शख्स चेतावनी को अनदेखा कर इस शिला तोरणम के पास पहुंचा चक्कर खाकर गिर पड़ा। जांच के बाद पता चला कि उसके सीने में पेस मेकर लगा हुआ था जिसने शिला तोरणम के पास पहुंचते ही काम करना बंद कर दिया।
आज तक कोई भी वैज्ञानिक या भू विज्ञानी इस शिला तोरणम के रहस्य को नहीं भेद पाया है। आर्किलॉजिस्ट कहते हैं कि शिला तोरणम और उसके आसपास के इलाके में इलेक्ट्रो-मैग्नेट तरंगें निकलती हैं, जिसकी वजह से यहां सेल फोन, कैमरा या इलेक्ट्रॉनिक घड़ियां भी काम करना बंद कर देती है। इन तरंगों के कारण यहां आने वाले लोगों की सेहत को भी बड़ा खतरा हो सकता है। इसलिए पूरे इलाके को दीवार से घेरकर बंद कर दिया गया है।
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