नई दिल्ली। भारत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बढ़ावा देकर तेल आयात में खर्च होने वाले 1.2 लाख करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा में बचत करने की तैयारी कर रहा है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
‘जीरो एमिशन व्हीकल्स: टुवाड्र्स ए पालिसी फ्रेमवर्क’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को परंपरागत ईंधन पर चलने वाले वाहनों (इंटरनल कंबस्टन इंजन) को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने में काफी फायदा होना है। वैश्विक मोबिलिटी सम्मेलन ‘मूव’ के दौरान यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई।
नीति आयोग का कहना है कि देश में 17 करोड़ दोपहिया वाहन हैं और अगर इसमें से प्रत्येक वाहन हर दिन करीब आधा लीटर पेट्रोल खपत करता है, तो कुल मिलाकर करीब 34 अरब लीटर की खपत होती है। रिपोर्ट के मुताबिक 70 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से इस पर करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये की लागत आती है।
उदाहरण के तौर पर अगर यह मान लिया जाए कि आयातित कच्चे तेल की लागत, कर और बाकी खर्च को मिलाकर यह 50% बैठता है तो हम 1.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आयातित तेल की बचत कर सकते हैं। इसमें कहा गया है कि इसे अगले पांच से सात साल में हासिल किया जा सकता है।
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