नई दिल्ली। मुहर्रम के मौके पर पश्चिम बंगाल में तनाव न हो इसके लिए टीएमसी के सांसदों और मौलानाओं ने बड़ी पहल की है। टीएमसी के मुस्लिम सांसदों ने लोगों से ताजिया निकाले जाने वक्त तलवारों और लाठियों के प्रदर्शन से परहेज करने की अपील की है। टीएमसी सांसद इदरीस अली और एएच इमरान ने बुधवार को कोलकाता में अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं से मुलाकात की और मुहर्रम को कुछ इस तरह मनाने की अपील की जिससे किसी दूसरे समुदाय की भावनाएं ‘आहत’ ना हों।
ऑल इंडियन माइनॉरिटी फोरम की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद इदरीस अली ने कहा कि ‘हम अपने मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं कि वे हर साल की तरह ही मुहर्रम मनाएं, लेकिन साथ ही इसकी गंभीरता का भी पूरा ध्यान रखें। ये तलवारों और लाठियों के प्रदर्शन का मौका नहीं है। इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता।’ साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल कैसे ममता बनर्जी ने हिंदू समुदाय से अपील की थी कि दुर्गा पूजा विसर्जन को कुछ देर के लिए स्थगित रखें क्योंकि मुहर्रम भी उसी दिन पड़ रहा था। इस साल मुस्लिम समुदाय को शांति बनाए रख कर उस सकारात्मकता को दोहराना चाहिए।
वहीं कोलकाता की नाखोदा मस्जिद के इमाम मौलाना शफीक कासमी ने मुहर्रम पर आक्रामकता के किसी तरह के भी प्रदर्शन को इस्लाम के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, ‘इसका (तलवार-लाठियों का प्रदर्शन) इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है। शरीयत इसका सख्ती से विरोध करती है। इसकी जगह लोगों को रोजा रखकर, कुरान पढ़कर त्याग के संदेश को फैलाना चाहिए।’
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